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Kaushambi: जिला जेल का भोजनालय हुआ अपग्रेड, लगी रोटी मेकर मशीन, कैदियों को अब नहीं मिलेगी जली हुई रोटी

Kaushambi: कौशाम्बी जिला जेल में बंदियों को मिलने वाली कच्ची जली रोटियों से अब छुटकारा मिल गया है। जेल प्रशासन ने रोटी बनाने की इलेक्ट्रानिक रोटी मशीन लगवा दी है।

Ansh Mishra
Report Ansh MishraPublished By Shashi kant gautam
Published on: 18 May 2022 6:29 PM IST
Kaushambi District Jail restaurant upgraded, roti maker machine installed
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कौशाम्बी: जिला जेल का भोजनालय हुआ अपग्रेड, लगी रोटी मेकर मशीन

Kaushambi: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिला जेल में बंदियों को मिलने वाली कच्ची जली रोटियों से अब छुटकारा मिल गया है। जेल प्रशासन (prison administration) ने रोटी बनाने की इलेक्ट्रानिक रोटी मशीन (electronic bread machine) लगवा दी है, इस मशीन से एक घंटे में लगभग तीन हजार रोटियां बन जा रही है। यही नहीं भोजन को गरम रखने के लिए इंसुलेटेड बर्तन (insulated pots) की भी व्यवस्था की गई है। मशीन और बर्तनों को किस तरह से ऑपरेट किया जाए इसकी बंदियों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

इस नई व्यवस्था से भोजनालय (restaurant) में काम करने वाले ज्यादातर बंदियों को भी छुट्टी मिल जाएगी। जिला जेल के करीब 20 से 25 बंदी अभी तक रोटी के काम में लगाए जाते थे लेकिन अब केवल 10से 12 बंदियों से ही काम चल जाता है। जिला जेल में बंदियों के लिए भोजन, भोजनालय में तैयार होता है। इसके लिए प्रतिदिन सुबह व शाम को रोटियां बनाई जाती हैं।

रोटी बनाने का जिम्मा 20 से 25 बंदियों का होता था

रोटी बनाने का जिम्मा 20 से 25 बंदियों का होता है। वो रोटी बनाने में माहिर नहीं होते हैं। ऐसे में अक्सर रोटियां कच्ची पक्की या जल जाती है। कच्ची जली रोटी खाने से कई बार बंदी बीमार हो जाते हैं। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन की ओर से जेल में रोटी बनाने के लिए 'आटोमैटिक इलेक्ट्रानिक मशीन' मंगाई है जो एक घंटे में करीब तीन हजार रोटियां बना रही है। इसके अलावा आटा गूंथने की मशीन और भोजन को गरम रखने के लिए अलग से इंसुलेटेड बर्तन मंगाया गया है।

बंदियों को दी जा रही ट्रेनिंग

दो दिन पूर्व जेल के भोजनालाय में पहुंची इलेक्ट्रानिक मशीन और बर्तन में किस प्रकार से भोजन रखना है, कैसे रोटी बनानी और आटा गूंथना है, इसकी बंदियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। जल्द ही उद्घाटन करते हुए व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।जेल के भोजनालय में खासतौर से उन्हीं नए बंदियों की ड्यूटी लगाई जाती है जिनके मुकदमे में कम सजा का प्रावधान है।

अपग्रेड हुआ जेल का भोजनालय

इसमें चोरी की धारा, आर्म्स एक्ट, शराब की तस्करी आदि धाराओं के आरोपी शामिल हैं। जेल के भोजनालय में नई व्यवस्था लागू हो जाने से ना केवल भोजन की गुणवत्ता में सुधार आएगा। बल्कि ऐसे बंदियों को भोजनालय में काम करने से भी मुक्ति मिलेगी। जिला जेल अधीक्षक राकेश सिंह (District Jail Superintendent Rakesh Singh) ने बताया की बंदियों को गुणवत्तायुक्त और गरम भोजन देने के उद्देश्य सो भोजनालय को अपग्रेड कर दिया गया है। इस व्यवस्था से स्वाद और स्वास्थ्य दोनों में सुधार आएगा। भोजनालय में काम करने वाले बंदियों की संख्या भी आधी हो जाएगी।



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Shashi kant gautam

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