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काजी ने निकाह पढ़ाने से किया इंकार, बड़ी मुसीबत में परिवार
मामला थाना अल्लाहगंज के गांव चिलौआ का है। यहां के रहने वाले इबादत अली की 20 साल की बेटी रूखसार बानों की 30 अप्रैल को शादी होना है। उन्होंने बेटी की शादी के कार्ड पर भगवान राम और सीता के फोटो छपवाए थे।
शाहजहांपुर: मुस्लिम परिवार को बेटी की शादी के कार्ड पर भागवान राम और सीता का फोटो छपवाना भारी पड़ गया है। दो दिन बाद बेटी की शादी होनी है और अब काजी ने उस बेटी का निकाह पढ़ने से इंकार कर दिया है। अब परिवार के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। कैसे अब वह अपनी बेटी का निकाह पढ़वा पाएगा। परिवार बेटी को कैसे विदा करा पाएगा।
दरअसल यह मामला थाना अल्लाहगंज के गांव चिलौआ का है। यहां के रहने वाले इबादत अली की 20 साल की बेटी रूखसार बानों की 30 अप्रैल को शादी होना है। उन्होंने बेटी की शादी के कार्ड पर भगवान राम और सीता के फोटो छपवाए थे। लेकिन जब शादी के कार्ड उन्होंने अपनी रिश्तेदारों के घर बाटें तब इसकी काफी चर्चा इलाके में बात काजी तक पहुची तो उन्होंने शादी का निकाह ही पढ़ाने से इंकार कर दिया। काजी ने परिवार से कहा कि वह आला हजरत जाएं और वहां जाकर लिखित में माफी मांगे।
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अब परिवार के आगे बढ़ी परेशानी खड़ी हो गई है। क्योंकि बेटी की शादी दो दिन बाद 30 अप्रैल को होनी है। ऐसे में शादी की सारी तैयारी पूरी की जा चुकी है। लेकिन अब शादी का कार्ड इस परिवार के लिए मुसीबत बन चुका है। वही देवबंद ने परिवार के खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया है। फतवा जारी होने की सूचना परिवार को अखबारों से मिली है। अब परिवार को कुछ समझ नही आ रहा है कि वह क्या करें ।
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परिजनों का कहना है कि बेटी की शादी के कार्ड पर भगवान के फोटो छपवा दिए है। क्योंकि गांव मे हिंदू भाई है जिनको कार्ड देना थे। लेकिन कार्ड बाटते ही काजी ने निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि अब वह बहुत परेशानी मे आ गए है। दो दिन शादी को बचे है अब कुछ समझ नही आ रहा है।