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कर्मचारी परिषद की 16 सूत्रीय मांगों से रूबरू हुए शासन के अधिकारी

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को अपर मुख्य सचिव समेत कई अधिकारियों के साथ बैठक किया। यहां कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली, कैशलेस चिकित्सा समेत लम्बित 16 सूत्रीय मांगों पर विस्तार से चर्चा की।

Dhananjay Singh
Published on: 15 April 2019 8:57 PM IST
कर्मचारी परिषद की 16 सूत्रीय मांगों से रूबरू हुए शासन के अधिकारी
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लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को अपर मुख्य सचिव समेत कई अधिकारियों के साथ बैठक किया। यहां कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली, कैशलेस चिकित्सा समेत लम्बित 16 सूत्रीय मांगों पर विस्तार से चर्चा की।

मीडिया प्रभारी मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में पुरानी पेंशन बहाली, 50 वर्षों पर अनिवार्य सेवा निवृत्ति पर कोई कार्यवाही नहीं होगी। पूर्व प्रेषित जानकारी के में आधार पर श्रम विभाग के माली रामपाल प्रकरण विभाग सहानुभूति पूर्व कार्यवाही करेगा। कैसलेस चिकित्सा पर मुख्य सचिव स्तर पर सर्वोच्च बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार कार्यवाही होगी। भत्तों पर निर्णय शीघ्र लिये जाने के साथ ही बैठक में वेतन विसंगति के मामले में वेतन समिति की सिफारिश का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

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2013 की हड़ताल के समय तय चार मांगो पर शीघ्र निर्णय तथा डीआरडीए के कार्मिकों का जीपीएफ, पेंशन, ग्रेच्युटी की वित विभाग स्तर पर निर्णय किया जाएगा। एनएचएम के कार्मिकों को शासन की नीति के सापेक्ष 6000 रूपये मानदेय दिये जाएगा। कर्मचारी कल्याण निगम के कर्मचारियों को शासकीय विभागों में समायोजित कर शीघ्र वेतन आदि का भुगतान किया जाएगा।

बैठक में शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंघल, विशेष सचिव न्याय रणधीर सिंह, सचिव नियोजन नीना शर्मा, अनुसचिव चिकित्सा, विशेष सचिव वित सरजू प्रसाद मिश्रा, विशेष सचिव ग्राम्य विकास अच्छे लाल यादव, संयुक्त सचिव कार्मिक कु. राघवेन्द्र प्रताप सिंह, अनुसचिव पंचायती राज एवं खाद्य रसद मौजूद रहे। वहीं, परिषद के प्रतिनिधिमंडल में हरिकिशोर तिवारी के अलावा महामंत्री शिवबरन सिंह यादव, संगठन मंत्री संजीव गुप्ता, संयुक्त मंत्री अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव और उप महामंत्री अमिता त्रिपाठी मौजूद रहे।



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