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उन्नाव के अधिशासी अभियंता सस्पेंड, 88 इंजीनियरों पर विभागीय कार्रवाई
लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने काम में लापरवाही और अनियमितता पाए जाने पर उन्नाव के अधिशासी अभियन्ता अखिलेन्द्र प्रताप सिंह को निलम्बित कर दिया है। इसके अलावा 18 अधिशासी अभियन्ताओं, 28 सहायक अभियन्ताओं और 42 अवर अभियन्ताओं के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के भी निर्देश दिये हैं।
लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान केशव प्रसाद ने पाया कि प्रान्तीय खण्ड लोक निर्माण विभाग उन्नाव में तैनात अधिशासी अभियन्ता अखिलेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा कार्यों में लापरवाही और अनियमितता बरती गई है। उन्होंने गड्ढामुक्ति नवीनीकरण योजना के अन्तर्गत दोहरी स्वीकृति लेकर राजकीय धन का दुरुपयोग किया है। इसके मददेनजर उन्हें तत्काल प्रभाव निलम्बित कर दिया है। इनके विरुद्ध जांच भी होगी।
उप मुख्यमंत्री ने गड्ढामुक्ति के कार्यों में लापरवाही पाये जाने पर 18 अधिशासी अभियन्ताओं , 28 सहायक अभियन्ताओं और 42 अभियन्ताओं को कड़ी चेतावनी दी। इनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई होगी। समीक्षा में सामने आया कि गुणवत्ता नियंत्रण के लिए न्युक्लियर गेज को सभी अधीक्षण अभियन्ताओं द्वारा क्रय कर उपयोग में लाने के आदेश के बावजूद अभी तक यह कार्यवाही पूर्ण नहीं की गई है, जो लापरवाही है।
उन्होंने अधीक्षण अभियन्ता लखनऊ वृत्त को तात्कालिक प्रभाव से प्रमुख अभियन्ता कार्यालय लखनऊ से सम्बद्ध करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जिन अधीक्षण अभियन्ताओं ने अब तक न्युक्लियर गेज क्रय नहीं किया है, उनको कड़ी चेतावनी देते हुए एक माह के अन्दर औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिये हैं।
डिप्टी सीएम ने कहा कि जिन स्थानान्तरित इंजीनियरों ने नवीन तैनाती स्थल पर अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है, वह तुरंत कार्यभार ग्रहण करें। जो अधिकारी कार्यभार ग्रहण नहीं कर रहें हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। ऐसे इंजीनियरों को तीन दिन के अन्दर कार्यभार ग्रहण करना होगा।
मौर्या ने कहा कि अपने दायित्वों का निर्वहन न करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जायेगा। अधिकारी/कर्मचारी कार्यों में लापरवाही की प्रवृत्ति छोड़कर ईमानदारी और मेहनत से अपने काम को अंजाम दें।
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