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केजीएमयू: कोरोना संक्रमित होने पर ड्यूटी नहीं करेंगे स्वास्थ्य कर्मी

केजीएमयू प्रशासन द्वारा बीते दिनों एक अजीबो गरीब आदेश स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पारित किया गया था।

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Newstrack Network NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 1 May 2021 10:21 PM IST
केजीएमयू प्रशासन द्वारा बीते दिनों एक अजीबो गरीब आदेश स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पारित किया गया था।
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स्वास्थ्य कर्मी (फोटो-सोशल मीडिया)

लखनऊ: राजधानी के केजीएमयू प्रशासन द्वारा बीते दिनों एक अजीबो गरीब आदेश स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पारित किया गया था। इसमें लिखा था कि कुलपति के मौखिक आदेशानुसार समस्त कोविड-19 से संक्रमित चिकित्सक, रेजिडेंट एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों को संक्रमित पाए जाने के 10 दिन के बाद अपनी ड्यूटी ज्वाइन करनी होगी।

इसके साथ ही यह भी लिखा गया था कि 10 दिन के बाद संक्रमित कर्मचारियों को कोरोना वायरस की जांच दोबारा कराने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा केजीएमयू प्रशासन द्वारा जारी पत्र में यह भी कहा गया था कि यदि किसी स्वास्थ्य कर्मचारी को कोई परेशानी है, तो इसके लिए केजीएमयू में स्थित फीवर क्लीनिक में दिखाकर ओपीडी का पर्चा विभाग में भेज सकता है।

बचाव के जारी किए दिशा निर्देश

केजीएमयू प्रशासन के इस आदेश के बाद केजीएमयू कर्मचारी परिषद ने इसका विरोध शुरू कर दिया था। जिसके बाद शासन की तरफ से सभी राजकीय तथा निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों, संस्थानों,चिकित्सा विश्वविद्यालय के एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयो व जांच लैब में कार्यरत मानव संसाधन को वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए।

शासन की तरफ से जारी दिशानिर्देश में साफ तौर पर कहा गया है कि उच्च जोखिम एक्सपोजर में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को 14 दिनों के लिए होम कवारन्टीन किया जाएगा तथा आईसीएमआर के द्वारा निर्गत जांच प्रोटोकॉल के अंतर्गत जांच भी होगी।

यदि स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उन्हें कोविड-19 अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव पाई जाती है, तो भी उन्हें 14 दिनों की होम क़वारन्टीन की अवधि पूरी करनी होगी,तभी वह स्वास्थ्य कर्मी काम पर वापस लौट सकेंगे।



Vidushi Mishra

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