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अग्निकांड: रिपोर्ट में KGMU पर लापरवाही का आरोप, UP सरकार ने मांगा स्पष्टीकरण
ट्रामा सेंटर आग मामले में केजीएमयू के अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ने की उम्मीद हैं। कमिश्नर अनिल गर्ग की रिपोर्ट में केजीएमयू पर लापरवाही का आरोप है। कमिश्नर गर्ग के द्वारा बनाई रिपोर्ट यूपी सरकार तक पहुंच गई है। इस पर सरकार ने केजीएमयू से आग मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है। सरकार ने ट्रामा सेंटर में रखे 5 साल की दवा खरीद के रिकार्ड पर भी जवाब मांगा है।
लखनऊ : ट्रामा सेंटर आग मामले में केजीएमयू के अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ने की उम्मीद हैं। कमिश्नर अनिल गर्ग की रिपोर्ट में केजीएमयू पर लापरवाही का आरोप है।
कमिश्नर गर्ग के द्वारा बनाई रिपोर्ट यूपी सरकार तक पहुंच गई है। इस पर सरकार ने केजीएमयू से आग मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है। सरकार ने ट्रामा सेंटर में रखे 5 साल की दवा खरीद के रिकार्ड पर भी जवाब मांगा है।
ट्रामा सेंटर की बढ़ेंगी मुश्किलें
जांच से बचने के लिए दवा खरीद रिकार्ड जलाने की बात का भी खुलासा होने की संभावना है। अब इस आग में जले पिछले 5 वर्षों के दवा खरीद की अलग से जांच होने की संभावना है। ऐसे में ट्रामा सेंटर की मुश्किलें हर हाल में आगे बढ़ेंगी।
वीसी पर खड़े हुए सवाल
दूसरी ओर केजीएमयू के अधिकारियों में अलग-अलग कानाफूसी चल रही है। वीसी ने आग लगने के चलते किसी मरीज की मौत नहीं होने की बात कही है। लेकिन कमिश्नर की रिपोर्ट ने वीसी के बोल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में ये गुत्थि सुलझने में समय लगना तय है।
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रिपोर्ट में खुलासा
केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में आग लगने की जांच सरकार ने कमिश्नर अनिल गर्ग को सौंपी थी। कमिश्नर गर्ग की पड़ताल में केजीएमयू की लापरवाही सामने आई है। उन्होंने बताया है कि सुरक्षा प्रबंध को लेकर कोई सुचारू उपाय नहीं थे। इसके अलावा फायर सेफ्टी को लेकर काफी समय से अनदेखी की बात बताई गई है। उन्होंने बिल्डिंग के खराब तारों की वायरिंग संबंधी बहुत सी समस्यों पर प्रकाश डाला है।
केजीएमयू प्रशासन की टीम हरकत में
केजीएमयू ट्रामा सेंटर में आग दुर्घटना की जांच हेतु सीएमएस डॉ एसएन शंखवार ने 5 सदस्यीय टीमों का गठन किया है। जिसमें चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर विजय कुमार, प्रो आरएएस कुशवाहा, कुलानुशासक, दिनेश राज और अग्निशमन विभाग के अधिकारी हैं। लेकिन अभी तक टीम ने आग लगने के ठोस कारण का पता नहीं लगा पाया है। ऐसे में सरकार को स्पष्टीकरण भेजने में देरी भी हो सकती है। केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि टीम मिलकर काम कर रही है और जल्द ही आग लगने की वास्तिविक कारणों का पता चल जाएगा।