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लखीमपुर खीरी केस: यूपी की बच्ची के लिए गरीबी बना अभिशाप

केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने भले ही लखीमपुर खीरी की बच्ची शिवानी मिश्रा(12 वर्ष) के दोनों कटे हाथों को जोड़ दिया हो लेकिन पीड़िता की ग

tiwarishalini
Published on: 26 Aug 2017 11:32 AM IST
लखीमपुर खीरी केस: यूपी की बच्ची के लिए गरीबी बना अभिशाप
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लखनऊ: केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने भले ही लखीमपुर खीरी की बच्ची शिवानी मिश्रा(12 वर्ष) के दोनों कटे हाथों को जोड़ दिया हो लेकिन पीड़िता की गरीबी चीख-चीखकर अपना दर्द बयां कर रही हैं। केजीएमयू के पोस्ट आपरेटिव आईसीयू में जिंदगी से संघर्ष कर रही बच्ची एक गरीब परिवार से है। उसकी गरीबी ही उसके लिए अभिशाप बन गई।

मजदूरी कर के परिवार का पेट पालते हैं पीड़िता के पिता

- शिवानी पिता विनोद मिश्रा मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं।

- छोटा भाई सूरज होटल में काम करता है। मां अंधी है।

-शोहदे ने मामूली सी बात पर अंधी मां के सामने ही उसकी बेटी के हाथों को काट दिया।

- अंधी मां चिखती रही और हैवानियत की हदों को पार करते हुए शोहदा बीच सड़क पर वार करता रहा।

- अंधी मां सुशीला देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। ऐसे में परिवार को बच्ची के इलाज से लेकर भविष्य की चिंता परेशान कर रही है।

पिता ने कहा- गरीबी हमारा अभिशाप

पीड़िता के पिता विनोद मिश्रा का कहना है कि ऐसा हमारे साथ इसलिए हुआ है कि हम गरीब हैं। गरीब होना ही हमारे लिए कलंक है। अगर हम अमीर होते तो ऐसी घटना हमारे साथ नहीं होती। पिता के मुताबिक, पड़ोस में रहने वाले रोहित चौरसिया (25 वर्ष) ने छोटी सी बात पर मोबाईल कनेक्टर चोरी करने का आरोप लगाते हुए हाथ काटने की घटना को अंजाम दिया है। चोरी का झूठा आरोप लगाकर छेड़कानी के बाद इस घटना को अंजाम दिया गया।

चाचा ने कहा- सजा दिलाना मकसद

पीड़िता के चाचा सुरेश मिश्रा ने बताया कि बच्ची के साथ ऐसा होने से पूरा परिवार सदमे में है। उसके दर्द को बयां नहीं किया जा सकता है। एक तो हम गरीब हैं और दूसरी ओर अचानक हुए हादसे से परिवार परेशान है। चाचा सुरेश मिश्रा भतीजी के साथ ऐसा करने वाले नौजवान दंरिदे को सजा दिलाने के लिए हर कदम पर चलने को तैयार हैं। उनके मुताबिक, हम गरीब तो हैं पर देश की न्यायपालिका पर भरोसा है। बच्ची के ठीक होते ही दरिंदे को सजा दिलाने की पहल शुरू कर देंगे। हर दरवाजा खटकाने को तैयार हैं।

गरीबी से जूझते परिवार पर नजर

जिस बच्ची के साथ हादसा हुआ है वो एक गरीब परिवार से है। परिवार में वो सबसे बड़ी है। पूरा परिवार लखीमपुर खीरी के मेला मैदान इलाके में किराए की मकान में रहता है। मां अंधी है। पिता कलुआ कोट गांव में मजदूरी करते हैं। छोटा भाई सूरज होटल में काम करता है। छोटी बहन में भी अंधेपन की शिकायत है।

अगले तीन दिन बेहद नाजुक

पीड़िता के लिए अगले तीन दिन बेहद स्थिर हैं। सर्जरी करने वाले डॉक्टर बृजेश मिश्रा ने बताया कि तीन से चार दिनों के बाद ही मरीज की सही स्थिति की पता चलेगा। उन्होंने बताया कि कुछ अंगुलियों में खून के बहाव सही नहीं चल रहे हैं।



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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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