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'खाकी विद राखी' के तहत पुलिस ने मानाया सुरक्षा बंधन, बंधवाई राखी
मेरठ: योगी सरकार के आदेश पर उत्तर प्रदेश पुलिस मुखिया ओपी सिंह के निर्देश पर इस बार पूरे प्रदेश में रक्षाबंधन का त्यौहार पुलिस भी नए अंदाज में मना रही है। खाकी विद राखी के तहत पुलिस रक्षा बंधन की जगह सुरक्षा बंधन हर थाने में मना रही है। इसी के तहत मेरठ पुलिस के कप्तान से लेकर थाना अध्यक्ष तक बहनों से राखी बंधवा रहे हैं और उन्हें वादा कर रहे हैं कि वह उनकी हिफाजत करेंगे। किसी भी महिला को इंसाफ के लिए दर-दर नहीं भटकने दिया जाएगा।
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डीजीपी ओपी सिंह ने तीन दिन पहले एक सर्कुलर जारी कर पूरे प्रदेश की पुलिस को आदेश दिया था कि इस बार वह रक्षा बंधन के त्योहार को सुरक्षा बंधन के रूप में मनाएंगे। जिसे खाकी विद राखी नाम दिया गया है। रविवार को रक्षाबंधन के दिन एसएसपी राजेश कुमार पांडे ने बताया कि मेरठ के सभी थानों में रक्षाबंधन पर्व सुरक्षा बंधन के रूप में मनाया जा रहा है।
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सभी पुलिसवाले अपने अपने क्षेत्र की महिलाओं से राखी बंधवा रहे हैं। उनसे वादा कर रहे हैं कि वह उनकी हिफाजत करेंगे। खुद एसएसपी राजेश कुमार पांडे ने मलीन बस्ती व अनाथ आश्रम जैसे स्थानों पर पहुंचकर राखी बंधवाई। वही एसपी देहात राजेश कुमार ने भी कई स्थानों पर पहुंचकर राखी बंधवाई।
इसके अलावा एसपी क्राइम शिवराम यादव, एएसपी क्राइम सतपाल और सभी सीओ ने भी महिलाओं से राखी बंधवाई। इस अवसर पर सभी पुलिस अफसरों ने महिलाओं को अपराध के प्रति भी जागरुक किया। सभी पुलिस अफसरों ने महिलाओं को अपने अपने मोबाइल नंबर भी दिए कि यदि उनके साथ कोई घटना होती है तो वह तुरंत पुलिस को सूचना दें।
जेल में भी बहनो ने बांधी राखी
रक्षाबंधन का त्यौहार रविवार को चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में भी उत्साह पूर्वक मनाया जा रहा है। जेल अधीक्षक बीडी पांडे ने बताया जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने के लिए आ रही बहनों को कोई भी परेशानी नहीं होने दी जा रही है। जिस बहन के पास राखी नहीं है। जेल प्रशासन की तरफ से राखी का भी बंदोबस्त किया गया है।
इसके अलावा जेल के अंदर बहन और भाई को मिलवाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से बहन के साथ आए अन्य लोगों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। केवल बहन को ही एंट्री दी जा रही है। पूरे नियम के तहत यह एंट्री दी जा रही है। जेल पर भारी संख्या में भीड़ उमड़ रही है 12:00 बजे तक की बात करें तो 150 से अधिक महिलाए अपने भाइयों को राखी बांध चुकी थी। शाम तक यह संख्या 500 से अधिक पार हो सकती है।