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Prayagraj Video: दुनिया की दौलत से कहीं ऊपर है 'सुकून की दौलत' , हिन्दू परंपराओं को संवारने का काम करता है खान परिवार
Prayagraj News: कपड़ों के ताने-बाने बुनते ये हैं खान परिवार के लोग जो पिछले 154 सालों से नवरात्री और रामलीला मंच के वस्त्र को बनाकर बेचते हैं।
Prayagraj News: देशभर में नवरात्र का जश्न चल रहा है। माता रानी अपने भक्तों के घर पधारी हैं। नवरात्री (Navratri 2022) के दसवें दिन दशहरा का उत्सव होगा। जो असत्य पर सत्य की जीत का प्रमाण होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि इन सभी त्योहारों में एकता और सौहार्द का रंग भरने वालों के बार में? हम आपको बताते हैं- दरअसल, प्रयागराज में तीन नदियों का संगम तो है ही लेकिन इस धार्मिक शहर में एक और अनोखा संगम देखने को मिल रहा है एक ऐसा संगम जो एक मिसाल बन गया है। यहां पर शहर के चौक इलाके में एक मुस्लिम परिवार, हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल बनकर सामने आया है।
हिन्दू परंपराओं को संवारने का काम करता है खान परिवार
कपड़ों के ताने बाने बुनते ये हैं खान परिवार के लोग जो पिछले 154 सालों से नवरात्री और रामलीला मंच के वस्त्र को बनाकर बेचते हैं। इनकी ये परंपरा कहें कि या व्यवसाय, ये कोई हाल फ़िलहाल का नहीं बल्कि, बहुत पुराना है। उनका पूरा परिवार यही काम ही करता है। चाहे बड़े बुजुर्ग हों चाहे बच्चे । पूरा खान परिवार का इसी काम में मन लगता है।
सालों से यहां तैयार हो रहे हैं दुर्गापूजा, दशहरा, रामलीला के वस्त्र
परिवार का कहना है कि इस काम में ज्यादा कमाई न होने के बावजूद भी हम लोगों का इसी काम में मन लगता है। क्योंकि, इसमें वो ताकत छिपी है जो शायद दुनिया की दौलत में नहीं है और इस ताकत का नाम है सुकून, जो हिन्दू मुस्लिम के सौहार्द को पेश करता है।
हमने जब घर के सबसे बुज़ुर्ग शख्स से बात की तो उन्होंने बताया कि वे हनुमान जी की गदा बनाने का काम करते हैं। तो परिवार के दूसरे लोग वस्त्रों का सुंदरीकरण करने में लगे हुए है। खान परिवार के बच्चे भी स्कूल से आने के बाद घर के कारोबार में लग जाते हैं। परिवार के खान भंडार के मालिक तुफैल खान का कहना है कि उनको हर साल नवरात्र, दुर्गा पूजा, दशहरा का बेसब्री से इंतज़ार रहता है और इस काम में घर के सभी भाई, भतीजे लगे रहते हैं।
154 सालों से मुस्लिम परिवार हिंदू त्योहारों में भर रहा है रंग
खान भण्डार नाम से प्रसिद्ध इस दुकान पर बहुत दूर दूर से लगभग हर जिले से लोग आते हैं और इनके द्वारा बनाये गए रामलीला मंच, दुर्गा पूजा, दशहरा और दिवाली में प्रयोग होने वाले वस्त्रों को खरीदते हैं। ग्राहक भी खान परिवार के इस कारोबार से बेहद खुश हैं ग्राहकों का कहना है की यह प्रयागराज की सबसे पुरानी दुकान है जहां पर देवी-देवताओं के वस्त्र मिलते हैं। कितनी दुकानें खुली और बंद हो गई लेकिन 154 सालों से चली आ रही है यह दुकान जिले में एक अपनी अलग ही पहचान बनाई हुई है।