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योगी सरकार ने 25 साल का रिकार्ड तोड़ा, 105 खांडसारी इकाईयों को लाइसेंस

खांडसारी इकाईयों के लाइसेंस हेतु आवेदनकर्ता आनलाइन आवेदन प्रस्तुत कर सकता है जिस पर 100 घण्टे के अन्दर सक्षम स्तर से निर्णय ले लिया जायेगा। इसके अलावा खांडसारी इकाई को वैक्यूम के अन्तर्गत सीरप ब्रिक्स को अधिकतम 65 डिग्री तक इवोपेरेट करने की अनुमति होगी।

राम केवी
Published on: 31 Dec 2019 4:14 PM GMT
योगी सरकार ने 25 साल का रिकार्ड तोड़ा, 105 खांडसारी इकाईयों को लाइसेंस
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लखनऊ। सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 25 साल का रिकार्ड तोड़ते हुए पहली बार खांडसारी इकाईयों के 105 लाइसेंस जारी किये हैं। इन इकाईयों से 27,850 कुंतल प्रतिदिन की गन्ना पेराई क्षमता बढ़ जाएगी। यह जानकारी देते हुए आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा बताया गया कि खांडसारी इकाईयों के लाइसेंस हेतु आवेदनकर्ता आनलाइन आवेदन प्रस्तुत कर सकता है जिस पर 100 घण्टे के अन्दर सक्षम स्तर से निर्णय ले लिया जायेगा। इसके अलावा खांडसारी इकाई को वैक्यूम के अन्तर्गत सीरप ब्रिक्स को अधिकतम 65 डिग्री तक इवोपेरेट करने की अनुमति होगी।

चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा के निर्देशों के क्रम में किसानों के ग्राम्य उद्योग खांडसारी एवं गुड उद्योग को बढावा देने के लिए वर्ष 2018-19 में खांडसारी इकाई के लिए आनलाइन लाइसेंस व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा लाइसेंसिंग शर्तों में शिथिलीकरण किया गया था। जिसके चलते चीनी मिलों से न्यूनतम दूरी निर्धारित 15 किमी. को शिथिल कर 7.5 किमी कर दिया गया था, नतीजतन विगत 25 वर्षों में पहली बार खांडसारी इकाईयों के 105 नये लाइसेंस जारी किये गये हैं। इससे 27,850 टी.सी.डी. की अतिरिक्त पेराई क्षमता का सृजन होगा, जो लगभग 6 चीनी मिलों की पेराई क्षमता के समान है।

इसके अलावा अब स्टीम ब्वायलिंग प्रोसेस की स्थापना हेतु इकाई स्वामी द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना-पत्र का गुण-दोष के आधार पर परीक्षण करके 3 कार्य दिवस में उप चीनी आयुक्त द्वारा निर्णय लिया जायेगा। खाण्डसारी इकाई को वैक्यूम के अन्तर्गत सिरप ब्रिक्स को अधिकतम 65 डिग्री तक इवोपोरेट करने की अनुमति होगी। यह अनुमति प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर 3 कार्य दिवस में उप चीनी आयुक्त द्वारा प्रदान की जा सकेगी।

गुड़ बनाने वाली इकाइयां लाइसेंस मुक्त होंगी

सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि गुड़ बनाने वाली इकाईयां लाइसेंस से मुक्त होगीं। गुड़ बनाने वाली इकाईयां यदि खाण्डसारी बनाने हेतु लाइसेंस प्राप्त करना चाहती हैं तो उन्हें इसके लिये अलग से आवेदन प्रस्तुत करना होगा।

संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा बताया गया कि नई खाण्डसारी लाइसेसिंग नीति 2018-19 से विगत 25 वर्षों में पहली बार खाण्डसारी इकाईयों के 105 लाइसेंस जारी हुए है तथा इन इकाईयों से लगभग 27,850 टी.सी.डी. की अतिरिक्त पेराई क्षमता का सृजन होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में खाण्डसारी एवं गुड़ इकाईयां प्रचुर संख्या में स्थापित होगी तथा गन्ने की खपत के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों मे रोजगार के नये अवसर सृजित होगे तथा ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

राम केवी

राम केवी

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