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Khatauli by-election: खतौली उपचुनाव बीजेपी ने विक्रम सैनी की पत्नी बनीं प्रत्याशी, जानिये इस सीट पर क्या है सैनी गणित
Khatauli by-election: विक्रम सैनी को कवाल कांड मामले में कोर्ट से 2 साल की सजा होने के बाद विधानसभा सदस्य समाप्त हो गई थी।
Khatauli by-election: राजकुमारी सैनी निवर्तमान भाजपा विधायक विक्रम सैनी की पत्नी हैं। राजकुमारी सैनी एक घरेलू महिला हैं। विक्रम सैनी को कवाल कांड मामले में कोर्ट से 2 साल की सजा होने के बाद विधानसभा सदस्य समाप्त हो गई थी। अब उनकी धर्मपत्नी राजकुमारी सैनी को भाजपा ने खतौली उपचुनाव में टिकट दिया है। राजकुमारी सैनी कक्षा आठ पढ़ी हुई हैं और गांव कवाल में संयुक्त परिवार के साथ रहती हैं।
खतौली से विक्रम सैनी की पत्नी को टिकट देकर एक तरफ विक्रम सैनी की नाराजगी का खतरा टाल दिया है तो दूसरी ओर सैनी समाज को साथ रखने का संदेश भी दिया है। मुजफ्फरनगर की 6 विधानसभाओं में से एक खतौली विधानसभा सीट भी है जोकि दिल्ली देहरादून हाईवे पर स्थित है, खतौली विधान सभा क्षेत्र मुजफ्फरनगर मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है। खतौली विधानसभा में लगभग 2,72,214 वोटर है जिसमें से 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान 69.70 फीसद मतदान हुआ था जिसके अनुसार 2,21,969 मतों में से भाजपा के विक्रम सैनी 1,00,651 वोट मिले थे। भाजपा प्रत्याशी विक्रम सैनी के प्रतिद्वंदी रालोद प्रत्याशी राजपाल सैनी को 84,306 वोट मिले थे तो वहीं बसपा के करतार सिंह भड़ाना को 31,412 मत प्राप्त हुए थे। विक्रम सैनी 2022 में खतौली विधान सभा का चुनाव 16,345 वोटों से जीत गए थे। हालांकि विक्रम सिंह सैनी की दूसरी पारी केवल सात माह ही चली। लेकिन अब इनकी पत्नी को टिकट मिल जाने से इस सीट पर भाजपा को सहानुभूति वोट मिलना भी तय माना जा रहा है।
खतौली विधान सभा सीट पर इन वोटों का बेहद प्रभाव
खतौली विधान सभा सीट पर जाट, सैनी और गुर्जर जाति के वोटों का बेहद प्रभाव है, जो चुनाव को प्रभावित करने का माद्दा रखते हैं, जिसको देखते हुए राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा ने इस बार भी खतौली विधानसभा उपचुनाव में सैनी प्रत्याशी को उतार कर कार्ड खेल दिया है।
विधानसभा सभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी के विक्रम सैनी ने राष्ट्रीय लोक दल के राजपाल सिंह सैनी को 16345 मतों के अंतर से हराकर जीती दर्ज की थी। खतौली विधानसभा चुनाव 2022, 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। जबकि 2012 में आरएलडी और 2007 में बसपा ने जीत दर्ज की थी।