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खेल में राजनैतिक दखल पर बरसे कीर्ति, कहा- इनके लिए बाप बड़ा न भैया...
लखनऊ: पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद का वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधने का सिलसिला थम नहीं रहा। ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले कोच और खिलाडियों के सम्मान में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने लखनऊ पहुंचे पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद ने खेलों की बदहाली के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान उन्होंने कहा, कि 'अगर खेलों की स्थिति सुधारनी है तो हजारों रावण को भेदना पड़ेगा।'
खेल संघ पर हमलावर दिखे आजाद
पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद एक बार फिर वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमलावर दिखे। उन्होंने कहा, 'खिलाड़ी के जीने मरने से इन्हें कोई फर्क नही पड़ता, इनको तो सिर्फ इतना देखना है कि तिजोरी में माल कितना आया। इनके लिए तो न बाप बड़ा न भैया ... , की तर्ज पर रुपैया ही मायने रखता है।' आजाद ने कहा, इन्हें तो अपने खिलाडियों के नाम भी नहीं पता होंगे। इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि रियो ओलंपिक में खेलने गई हॉकी टीम के पास खेलने के लिए ना ही स्टिक थी और ना ही पहनने को टी-शर्ट।
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खिलाड़ियों के जज्बे को सलाम
क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के खिलाड़ी आजाद ने आगे बोलते हुए कहा, अभिनव बिंद्रा, मल्लेश्वरी और पीवी सिंधु को कौन जनता था। लेकिन ओलंपिक में पदक जीतने के बाद सारा देश इन्हें जानने लगा है। देश इनके जज्बे को सलाम करता है।
मेडल से तय होती है तरक्की
कीर्ति आजाद ने बताया, किसी देश ने कितनी तरक्की की है यह उस देश में बनी ऊंची बिल्डिंग से नहीं, बल्कि उस देश ने ओलंपिक में कितने मेडल जीते हैं इससे तय होती है।
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राजनीति से खेल जा रही गर्त में
कटाक्ष करने के लहजे में इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा, हमारे देश में खेल की स्थिति दयनीय है। खेल के स्तर को ऊपर उठाने के लिए हजारों रावण भेदने पड़ेंगे। हमारे यहां खिलाडियों और प्रतिभा की कमी नहीं है। लेकिन प्रोत्साहन और पैसों की कमी के साथ खेलों में राजनीति के कारण खेल गर्त में चला गया है।
जीतने और हारने दोनों पर रोता है खिलाड़ी
कीर्ति ने कहा, 'खिलाड़ी हमेशा दिल से सोचता है। उसके लिए खुद से पहले देश की लिए जीतना मायने रखता है।खिलाड़ियों से भावुक कोई नहीं होता है। ये तो ऐसे होते हैं चाहे जीते या हारें दोनों ही परिस्थितियों में रोते हैं।'
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पीएम के प्रयास को सराहा
उन्होंने आगे कहा, पीएम नरेंद्र मोदी देश में स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए एक टास्क फ़ोर्स का गठन कर रहे हैं। ये सराहनीय प्रयास है। लेकिन अगर इस टास्क फाॅर्स में नेता रखे गए तो यह कभी सफल नहीं हो पाएगा। इस टास्क फाॅर्स के लिए तजुर्वेकार कोच और प्लेयर ही रखे जाने चाहिए।
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