TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बुंदेलखंड के सात जनपदों में किसान मित्र परियोजना की बल्ले बल्ले

प्रदेश स्तर पर इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अपर कृषि निदेशक (प्रसार) द्वारा बताया गया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य बुन्देलखण्ड के प्रत्येक जनपद में 5-5 हजार हैक्टेयर के समन्वित कृषि प्रणाली के मॉडल विकसित करना है। जिससे प्रेरित होकर क्षेत्र के किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकें।

राम केवी
Published on: 25 Jan 2020 8:16 PM IST
बुंदेलखंड के सात जनपदों में किसान मित्र परियोजना की बल्ले बल्ले
X

लखनऊ: किसान मित्र परियोजना के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड के सात जनपदों-झॉसी, ललितपुर, जालौन, महोबा, बॉदा, चित्रकूट एवं हमीरपुर में कराए जा रहे विकास कार्यों को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की मध्यावधि मूल्यांकन करने वाली टीम ने अत्यंत लाभकारी बताया है।

प्रमुख सचिव कृषि, अमित मोहन प्रसाद ने प्रदेश सरकार द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय संस्था इक्रीसेट, हैदराबाद के सहयोग से चलायी जा रही किसान मित्र परियोजना के अन्तर्गत कराये गये कार्यों की प्रगति समीक्षा की। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बुन्देलखण्ड के जनपदों के कृषकों को परियोजना के तहत विकसित पायलट साइट्स का चरणबद्व तरीके से भ्रमण कराया जाये, ताकि इस परियोजना से होने वाले लाभों से अन्य किसान भी परिचितहो सकें।

प्रमुख सचिव कृषि ने बताया कि प्रधानमंत्री के किसानों की आय वर्ष 2022 तक दो-गुनी करने के संकल्प को पूर्ण करने के निमित्त प्रदेश के अति विषम जलवायु और पिछडे हुए क्षेत्र के विकास के लिए किसान मित्र परियोजना के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड के 07 जनपदों-झॉसी, ललितपुर, जालौन, महोबा, बॉदा, चित्रकूट एवं हमीरपुर में कार्य कराया जा रहा है।

लाभों के संबंध में प्रस्तुतिकरण

बैठक में इक्रीसेट के वैज्ञानिकों द्वारा बुन्देलखण्ड में कराये जा रहे भूमि एवं जल संरक्षण, समन्वित कृषि प्रणाली, पशुधन विकास, बायो गैस आदि के कार्यों और किसानों को उनसे होने वाले लाभों के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया।

प्रदेश स्तर पर इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अपर कृषि निदेशक (प्रसार) द्वारा बताया गया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य बुन्देलखण्ड के प्रत्येक जनपद में 5-5 हजार हैक्टेयर के समन्वित कृषि प्रणाली के मॉडल विकसित करना है। जिससे प्रेरित होकर क्षेत्र के किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकें।

इस कार्यक्रम का मध्यावधि मूल्यांकन करने वाली बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की टीम द्वारा भी अपनी रिपोर्ट में परियोजना को अत्यधिक लाभकारी बताते हुए प्रस्तुतीकरण दिया गया। बैठक में कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं सहयोगी विभागों पशुपालन, उद्यान विभाग के भी अधिकारियों के साथ-साथ बुन्देलखण्ड के जनपदों के क्षेत्रीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।



\
राम केवी

राम केवी

Next Story