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अ‍ाखिर क्‍यों नहीं निकल रहे ATM से पैसे, जानेंं क्‍या हैंं टेक्निकल प्रॉब्‍लम्‍स

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Published on: 13 Nov 2016 4:02 AM GMT
अ‍ाखिर क्‍यों नहीं निकल रहे ATM से पैसे, जानेंं क्‍या हैंं टेक्निकल प्रॉब्‍लम्‍स
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लखनऊ: मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद चारों तरफ एक्‍सचेंज, विड्रा और डिपॉजिट के लिए हायतौबा मचा हुआ है। एटीएम और बैंकों के बाहर लंबी कतारें लोगों की समस्याओं को बयां कर रही हैं। किसी की बेटी की शादी सर पर है तो कोई घर में खत्म हो रहे राशन के लिए एटीएम और बैंक के बाहर लंबी लाइन में लगा है। सभी को पैसों की जरूरत है जो कि आसानी से नहीं मिल रहे।

दरअसल, बहुत से लोग एटीएम के सहारे हैं। एटीएम में भी नोटो की एक कैपिसटी होती है। लोगों की जरूरत ज्यादा है लेकिन करेंसी जल्दी खत्म हो जाती है। आइए जानते है आखिर क्यों हो रही लोगों को परेशानी।

आगे की स्‍लाइड में पढ़ें कितनी होती है एटीएम की कैपेसिटी...

एक एटीएम की कैपेसिटी

-500 और 1000 के नोट पर बैन लगने के बाद एटीएम में सिर्फ 100-100 के नोट डाले गए हैं।

-अभी एटीएम में 2-2 हजार और 500-500 के नए नोट नहीं डाले गए हैं।

-एक एटीएम में अधिकतम 4 कैसेट (खांचे) या बिन होते हैं और इन्हें फ्रेम्स भी कहा जाता है।

-हर खांचों में अलग-अलग नोट रखे जाते हैंं।

-इन खांचों में सेंसर लगे होते हैं जो किसी खास वैल्यू के नोटों को पहचानती हैं।

-एटीएम के 4 खाचों में अधिकतम 22 बंडल एक तरह की नोटों को डाला जा सकता है।

-100 रुपए के नोट के हिसाब से एक फ्रेम में अधिकतम 2 लाख 20 हजार रुपए डाले जा सकते हैं।

-एक एटीएम में अधिकतम 8 लाख रुपए डाले जा सकते हैं।

-फिलहाल सिर्फ 100 रुपए के नोट एटीएम मशीनों में डाले जा रहे हैं।

-इसी कारण लोगों को ज्यादा कैश नहीं मिल पा रहा है।

-क्योंकि एक एटीएम के 4 खाचों में से आमतौर पर 1000 के बंडलों का एक खांचा।

-500 के बंडलों के दो और 100 रुपये के बंडल का 1 खांचा होता है।

आगे की स्‍लाइड में पढ़ें क्‍या हैं टेक्निकल प्रॉब्‍लम्‍स और कितनी है एटीएम की संख्‍या...

क्या हैंं टेक्निकल प्रॉब्‍लम्‍स

-एटीएम मशीनों में अब तक 100, 500 और 1000 के नोट को पहचानने के हिसाब से प्रोग्रामिंग थी।

-500 और 2000 के नए नोटों को पुरानी एटीएम मशीन पहचान नहीं पा रही है।

-नए नोटों का साइज भी अलग है एटीएम मशीनों में उन्हें रीड करने के लिए सेंसर भी नहीं हैं।

-एक एटीएम की प्रोग्रामिंग को बदलने के लिए कम से कम 3 से 4 -लोगों की जरूरत होती है।

-अगर प्रोग्रामिंग वक्त से बदल दी जाती तो लोगों को इतनी परेशानी ना होती।

देश के एटीएम की संख्या

-भारत में मौजूदा समय में तकरीबन 2 लाख से भी ज्यादा एटीएम मशीनें हैं।

-इसमें से सिर्फ एसबीआई के ही 50,000 से ज्यादा एटीएम हैं।

एटीएम की प्रोग्रामिंग क्यों नहीं बदली गयी?

500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद दो दिनों तक एटीएम को भी बंद रखा गया। इस दौरान एटीएम की प्रोग्रामिंग क्यों नहीं बदली गयी। दरअसल पूरे देश में एटीएम मशीन में अलग अलग किस्म की सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनियों की संख्या 3-4 चार से ज्यादा नहीं है और उन में काम करने वाले लोगों की संख्या भी कम है। देश में 2 लाख 1 हजार 861 एटीएम मशीनें हैं। 48 घंटों में इन सारे एटीएम की प्रोग्रामिंग को बदला नामुमकिन था।

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