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Krishna Janmabhoomi : कृष्ण जन्मभूमि के 10 वर्ग किलोमीटर का दायरा तीर्थस्थल घोषित, नहीं बिकेगी शराब और मीट

Krishna Janmabhoomi: राज्य सरकार ने मथुरा वृंदावन में कृष्ण जन्मस्थल का 10 वर्ग किलोमीटर के दायरे को तीर्थस्थल घोषित किया है।

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Newstrack NetworkPublished By Shraddha
Published on: 10 Sep 2021 12:41 PM GMT (Updated on: 10 Sep 2021 12:53 PM GMT)
कृष्ण जन्मभूमि को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला
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कृष्ण जन्मभूमि को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला (डिजाइन फोटो - न्यूजट्रैक)

Krishna Janmabhoomi : अपने हिन्दुत्व एजेंडे को लेकर यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) में उतरने जा रही भाजपा सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने मथुरा वृंदावन (Mathura Vrindavan) में कृष्ण जन्मस्थल का 10 वर्ग किलोमीटर के दायरे को तीर्थस्थल घोषित किया है। योगी सरकार के इस फैसले के बाद अब इस पूरे क्षेत्र में अब यहां शराब और मांस की बिक्री नहीं हो सकेगी।

पिछले महीने जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) मथुरा के दौरे पर आए थें। तभी उन्होंने इस बात की घोषणा की थी। दौरान उन्होंने कहा था कि कृष्ण जन्मभूमि के आसपास के क्षेत्रों वृन्दावन, गोवर्धन, नन्दगांव, बरसाना, गोकुल, महावन और बलदेव में जल्द ही मांस और शराब की बिक्री बंद कर इन कार्यों में लगे लोगों का अन्य व्यवसायों में पुनर्वास किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा था कि चार साल पहले जब प्रदेश में भाजपा सरकार का गठन हुआ था तभी वहां के सात पवित्र स्थलों को राजकीय रूप से तीर्थस्थल घोषित किया गया था। अब जनता की कामना है कि इन पवित्र स्थलों पर शराब और मांस की बिक्री न की जाए, तो मैं आश्वस्त करता हूं कि ऐसा ही होगा।


मथुरा वृंदावन में कृष्ण जन्मस्थल होगा तीर्थस्थल (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)


दरअसल, राज्य सरकार की मंशा है ऐसे धार्मिक स्थलों वाले शहरों में मांस मदिरा पर रोक लगे जहां पर लोगों की आस्थाएं जुड़ी हैं। अब जैसे मथुरा के आसपास भगवान श्रीकृष्ण का जहां बचपन व्यतीत हुआ, वहां मांस मदिरा बेचने वालों को उनके इस व्यवसाय से हटाकर उन्हें दुग्धपालन के क्षेत्र में आगे बढाने का काम किए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वस्त किया है कि हमारा मकसद किसी को उजाड़ना नहीं है। बस, व्यवस्थित पुनर्वास करना है। व्यवस्थित पुनर्वास के काम में इन पवित्र स्थलों को इस दिशा में आगे बढ़ाने की जरूरत है।

इसके पहले एक प्रस्ताव वाराणसी नगर निगम की कार्यकारी बैठक में भी पारित किया जा चुका है। जिसमें कहा गया है कि वाराणसी की ऐतिहासिक धरोहर और मंदिरों की 250 मीटर की परिधि तक किसी भी प्रकार के मांसाहार और मदिरा की दुकान पर प्रतिबंध लगा दिया जाये।

बतातें चलें कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में धार्मिक स्थलों के आसपास मांस और मदिरा के प्रयोग पर रोक है। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र उत्तराखण्ड आदि राज्यों में मंदिरो के आसपास मांस मदिरा की बिक्री पर रोक है।

Shraddha

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