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Krishna Janmashtami 2022: पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही कृष्ण जन्माष्टमी, विदेशों से भक्त आते हैं 'लड्डू गोपाल श्रृंगार पार्लर'

Krishna Janmashtami 2022: कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर लड्डू गोपाल जी के श्रृंगार का एक विशेष ही महत्व होता है। आज के दिन लड्डू गोपाल जी का श्रृंगार कर जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है।

Amit Kaliyan
Published on: 19 Aug 2022 9:01 PM IST
Krishna Janmashtami being celebrated with pomp across the country, devotees from abroad come to Laddoo Gopal Shringar Parlor
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कृष्ण जन्माष्टमी 2022: Photo- Social Media

Muzaffarnagar News: राधा कृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2022) पर्व पर लड्डू गोपाल जी के श्रृंगार का एक विशेष ही महत्व होता है। आज के दिन लड्डू गोपाल जी का श्रृंगार कर जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। जिसके चलamitते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एकलोते लड्डू गोपाल श्रृंगार पार्लर (Laddu Gopal Shringar Parlor) पर इस बार हजारों लड्डू गोपाल जी का श्रृंगार किया गया है। आपको बता दें कि लड्डू गोपाल जी का यह श्रृंगार पार्लर मुजफ्फरनगर जनपद की गांधी कॉलोनी में स्थित है। इस पार्लर में देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी लड्डू गोपाल जी का श्रृंगार कराने के लिए लाया जाता है।

यही नहीं बल्कि दूरदराज के राज्यों से तो लोग कोरियर के माध्यम से लड्डू गोपाल जी को यहां पर सजने सवरने के लिए भेजते हैं। जिसके बाद इस पार्लर पर लड्डू गोपाल जी का श्रृंगार कर उन्हें यहां से कोरियर के माध्यम से ही वापस भेज दिया जाता है।

पिछले 6 सालों से लडडू गोपाल श्रृंगार पार्लर को चला रही सैफाली वर्मा ने बताया कि मेरा लड्डू गोपाल जी का पार्लर है मेन तो यहां लड्डू गोपाल जी के श्रृंगार के लिए ही लोग आते हैं वैसे सभी भगवान जी यहां पर तैयार होने के लिए आ चुके हैं माता रानी भोले बाबा शिव परिवार सभी भगवान जी का यहां पर श्रृंगार होता है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का इकलौता पार्लर है अलग-अलग राज्यों से भी यहां लड्डू गोपाल जी तैयार होने के लिए आते हैं बेंगलुरु अयोध्या लखनऊ लास्ट टाइम न्यूजीलैंड से आए थे दुबई भी गए हैं तैयार होकर लड्डू गोपाल जी यहां से श्रृंगार होकर ऐसे रूप में जाते हैं जैसे कि वह अभी बोलने वाले हैं

एक लड्डू गोपाल जी को तैयार करने में 2 से 3 दिन लग जाते हैं छोटे-छोटे पार्ट में उनको तैयार किया जाता है इनका प्राइस नहीं होता न्यौछावर होती है जो जिसकी श्रद्धा होती है वह वो न्यौछावर कर देता है। 6 साल हो गए हैं पार्लर को इस जन्माष्टमी पर लगभग 2000 लड्डू गोपाल जी तैयार हो गए हैं वैसे पिछले 6 सालों में लगभग 5000 लड्डू गोपाल जी तैयार होकर जा चुके हैं इस बार बाहर से लोग ज्यादा आए हैं कोरियर के थ्रू भी आते हैं बेंगलुरु और अन्य राज्यों और जनपदों से डब्बे में अच्छे से पैक कर उनके खाने के साथ लड्डू गोपाल जी को कोरियर के माध्यम से भेजा जाता है यहाँ से हम तैयार कर उन्हें वापस कोरियर के माध्यम से भेज देते हैं।

इस्कान मंदिर में कान्हा के प्राकटय उत्सव में झूमे भक्त, वेद मंत्रों के साथ भगवान का किया महाअभिषेक, मध्य रात्रि हुई महाआरती

Jhansi: इस्कान मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व भव्यता से मनाया गया। भगवान श्री कृष्ण व राधा जी का महाअभिषेक किया गया और रात्रि 12 बजे जन्मोत्सव की महाआरती की गयी। भगवान के बाल रूप के मनोहारी दर्शनों के लिए देर रात तक मंदिर में भक्तों का ताता लगा रहा और बधाई गीत गाए गये व हरिनाम संकीर्तन में भक्ति न्रत्य किया। श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर ब्रह्म मुहूर्त में भगवान की मंगला आरती की गयी। भक्तों ने तुलसी जी की आरती कर हरिनाम संकीर्तन किया। इसके पश्चात श्रृंगार दर्शन आरती व गुरु पूजा की गयी। व्रंदावन के श्री व्रंदावन चंद्र दास गोस्वामी ने श्री हरि कथा सुनाई।

शाम को भजन कीर्तन व संध्या आरती के बाद रात 8:30 बजे से भगवान का वैदिक मंत्रों के साथ महा अभिषेक डीआईजी जोगेंद्र सिंह ,नगर विधायक रवि शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, पीयूष प्रियता रावत, मंदिर अध्यक्ष ब्रजभूमि दास प्रभु आदि द्वारा किया गया और मध्य रात्रि 12 बजे हरे कृष्णा हरे रामा के जयकारो के साथ भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की महाआरती की गयी। इस अवसर पर भक्त अपने आराध्य कन्हैया के दर्शन कर भाव विभोर हो गये। जन्मोत्सव के बधाई गीत गाए गये और भक्ति न्रत्य किया। इस अवसर पर माखन मिश्री का प्रसाद वितरण किया गया।


मंदिर को पर्व पर आकर्षक सजाया गया था। इस अवसर पर मंदिर अध्यक्ष ब्रजभूमि दास प्रभु, प्रमुख सहयोगी भक्तगण सुरेंद्र राय,महेश सराफ,राजीव अग्रवाल, अशोक सेठ, मनीष नीखरा,रमेश राय ,अशोक गुप्ता ,अजय अग्रवाल,महामुनि दास,प्रिय गोविन्द दास ,दिलीप साहू सुन्दर मोहन दास आदि उपस्थित रहे।संयोजक पीयूष रावत ने सभी बंधुओं का आभार व्यक्त किया। मंदिर में शनिवार को श्रील प्रभुपाद जी का प्राकटय दिवस श्रद्धा से मनाया जायेगा।

भगवान कृष्ण ने लिया अवतार, गुंजा जय जयकार, जनपद में धूमधाम से मना श्री कृष्ण जन्मोत्सव

Gyanpur Bhadohi: श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार शुक्रवार को जनपद में धूमधाम के साथ मनाया गया। लोगों ने जन्माष्टमी पर उपवास रखकर विधि.विधान के साथ पूजा.अर्चना की। मंदिरों को फूलों और रंग.बिरंगी झालरों से काफी खूबसूरत ढंग से सजाया गया। नगर व ग्रामीण क्षेत्रो के विभिन्न मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण.राधा की मनमोहक झांकियां सजाई गईं। रात में मंदिरों में लडडू गोपाल को झूला झूलाने के लिए लोगों की लंबी लंगी कतारें लग गईं। कतारों में लगकर अपनी बारी आने पर लोगों ने लडडू गोपाल को पालने में झूला झुलाया।

इस दौरान भक्तों ने "हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की" प्रकट भयो नंदलाल के आदि के जमकर जयकारे लगाए। भगवान श्रीकृष्ण के जयकारों और घंटों की ध्वनि से मंदिर परिसर देर रात तक गूंजते रहे। जन्माष्टमी का त्योहार शहर में हर साल की तरह इस बार भी लोगों ने काफी उत्साह के साथ मनाया। कई रोज पहले से ही लोगों ने जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू कर दी थीं।

जन्माष्टमी की तैयारियों में लोग शुक्रवार की सुबह से ही जुट गए। घरों में पूजास्थलों की साफ.सफाई कर राधा.कृष्ण की मूर्तियों को स्नान कराकर उन्हें सुंदर.सुंदर नए वस्त्र पहना मोर पंख का मुकुट और बांसुरी आदि से लडडू गोपाल को सजाकर उन्हें सजे हुए पालने में बैठाया। कई मुहल्लों में श्रीकृष्ण और राधा की वेशभूषा में सजे बच्चों की झांकियां सजाई गईं। लोगों ने जन्माष्टमी का उपवास रखा। मंदिर में जाकर विधि.विधान के साथ पूजा.अर्चना की। जन्माष्टमी पर शहर के सभी मंदिरों को फूलों और बिजली की रंग.बिरंगी झालरों से काफी खूबसूरत ढंग से सजाया गया।

राधा.कृष्ण सुदामा आदि की झांकियां सजाई गईं जिन्हें देखने के लिए मंदिरों में लोगों की काफी भीड़ रही। रात में मंदिरों में लडडू गोपाल को पालना झूलाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी रही। भक्तों की लम्बी.लम्बी लाइनें लग गई। सभी ने लाइन में लगकर बारी.बारी से लडडू गोपाल को पालना झुलाया और भगवान श्रीकृष्ण जी को माखन मिश्री का भोग लगाया। इस दौरान भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण जी के जमकर जयकारे लगाए जिससे आसपास का वातावरण कृष्णमय हो गया। भगवान श्रीकृष्ण के जयकारों और घंटों की ध्वनि से मंदिर परिसर देर रात तक गूंजते रहे।

बताया जाता है कि देवताओं में भगवान श्री कृष्ण विष्णु के अकेले ऐसे अवतार हैं जिनके जीवन के हर पड़ाव के अलग रंग दिखाई देते हैं। उनका बचपन लीलाओं से भरा पड़ा है। उनकी जवानी रासलीलाओं की कहानी कहती है एक राजा और मित्र के रूप में वे भगवद् भक्त और गरीबों के दुखहर्ता बनते हैं तो युद्ध में कुशल नितिज्ञ। महाभारत में गीता के उपदेश से कर्तव्यनिष्ठा का जो पाठ भगवान श्री कृष्ण ने पढ़ाया है आज भी उसका अध्ययन करने पर हर बार नये अर्थ निकल कर सामने आते हैं। भगवान श्री कृष्ण के जन्म लेने से लेकर उनकी मृत्यु तक अनेक रोमांचक कहानियां है।

इन्ही श्री कृष्ण के जन्मदिन को हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले और भगवान श्री कृष्ण को अपना आराध्य मानने वाले जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की कृपा पाने के लिये भक्तजन उपवास रखते हैं और श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं। जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को ही कहा जाता है। श्रीकृष्ण.जन्माष्टमी की रात्रि को मोहरात्रि कहा गया है।

इस रात में योगेश्वर श्रीकृष्ण का ध्यान नाम अथवा मंत्र जपते हुए जगने से संसार की मोह.माया से आसक्तिहटती है। जन्माष्टमी का व्रत व्रतराज है। इसके सविधि पालन से मनुष्य अनेक व्रतों से प्राप्त होने वाली महान पुण्य राशिप्राप्त कर लेते है। जनपद के विभिन्न स्थानों भदोही औराई माधोसिंह भमौरा शास्त्रीपुरम गोपीगंज जंगीगंज कोइरौना सहित जगह.जगह कृष्ण जन्मोत्सव की धूम रही। क्षेत्र के नंदापुर और बारीपुर आदि स्थानों पर भगवान श्री कृष्ण का जन्म बड़े ही श्रद्धापूर्वक मनाया गया।



Shashi kant gautam

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