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कृष्णानन्द राय हत्याकांड: मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी बरी
पूर्व विधायक कृष्णानन्द राय हत्या मामले में मुख्तार अंसारी सहित अन्य आरोपियों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
नई दिल्ली : पूर्व विधायक कृष्णानन्द राय हत्या मामले में मुख्तार अंसारी सहित अन्य आरोपियों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। आरोपियों में संजीव माहेश्वरी, एजाजुल हक़, मुख्तार अंसारी, अफ़ज़ाल अंसारी, राकेश पांडेय, रामु मल्लाह, मंसूर अंसारी और मुन्ना बजरंगी शामिल थे।
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इन सभी में से आरोपी मुन्ना बजरंगी की मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि पूर्व विधायक राय की 2005 में हत्या कर दी गई थी। वह मौजूदा विधायक थे। इस घटना ने उस वक्त बड़ा राजनीतिक तूफान ला दिया था। जिसका आरोप बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी सहित अन्य लोगों पर लगा। हालांकि कोर्ट ने मुख्तार सहित अन्य सभी को बरी कर दिया है। मुख्तार और उनके भाई अफ़जाल अंसारी दोनों वर्तमान में बसपा से विधायक हैं।
विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के विरोध में और दोषियों को सजा देने की मांग करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चंडौली में धरने पर बैठ गए थे. जिसके बाद इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था. ऐसे में करीब 13 साल तक कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद मुख्तार अंसारी को सबूतों की कमी के आधार पर बरी कर दिया गया है.
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कृष्णानंद राय हत्याकांड का मामला
बागपत जेल में सोमवार की सुबह मारे गए मुन्ना बजरंगी ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या कर यूपी में सनसनी फैला दी थी। इसी घटना के बाद मुन्ना बजरंगी का नाम मुख्तार गैंग के शूटर के रूप में सामने आया। मुख्तार अंसारी के साथ बजरंगी इस हत्याकांड में नामजद है।
29 नवम्बर 2005 को करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र गोडउर गांव निवासी भाजपा विधायक कृष्णानंद राय क्षेत्र के सोनाड़ी गांव में क्रिकेट मैच का उद्घाटन करने के बाद वापस अपने गांव लौट रहे थे। शाम करीब चार बजे बसनियां चट्टी पर उनके काफिले को घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। एके-47 से गोलियों की बौछार कर विधायक समेत सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। हमले के दौरान करीब 5 सौ से अधिक गोलियों का प्रयोग किया गया था।
इस मामले में विधायक मुख्तार अंसारी, जिले के सांसद रहे अफजाल अंसारी समेत और मुन्ना बजरंगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। घटना के कई वर्षों तक मुन्ना बजरंगी नहीं पकड़ा गया तो उसके ऊपर सात लाख रुपये का इनाम घोषित हो गया। विवेचना के दौरान मुन्ना बजरंगी के कई शुटरों का नाम प्रकाश में आया। जिसमें फिरदौस समेत जिवा व अन्य शुटरों को शामिल किया गया। जिले में पहली बार मुन्ना बजरंगी ने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया था। वह भी मुख्तार गैंग से जुड़ने के बाद सुर्खियों में आया।
कृष्णानंद राय की पत्नी ने मुन्ना बजरंगी की मौत पर जताई थी खुशी
मुन्ना बजरंगी की हत्या पर पूर्व विधायक स्व कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने खुशी जताई थी। अलका राय ने कहा भगवान के द्वारा न्याय मिला, हम लोगों के परिवार के ऊपर हमेशा भय बना रहता था। मैं अपने लिए नही डरती थी लेकिन बच्चों को लेकर भी डर बना रहता था।