×

Mukhtar Ansari: मुख्तार की सबसे बड़ी वारदात, एके-47 से 500 राउंड फायरिंग, कृष्णानंद राय समेत मारे गए थे सात लोग

Mukhtar Ansari: जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद मुख्तार को नहीं बचाया जा सका। मुख्तार पूर्वांचल के कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आरोपी था।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 29 March 2024 3:13 AM GMT
Mukhtar Ansari Krishnanand Rai murder
X

 Mukhtar Ansari Krishnanand Rai murder (photo: social media )

Mukhtar Ansari: माफिया डॉन और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की गुरुवार को कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। मुख्तार अंसारी लंबे समय से बांदा जेल में बंद था और कार्डियक अरेस्ट के बाद उसे बांदा मेडिकल कॉलेज लाया गया था। मेडिकल कॉलेज की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद मुख्तार को नहीं बचाया जा सका। मुख्तार अंसारी पूर्वांचल के बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आरोपी था।

29 नवंबर, 2005। यह तारीख पूर्वांचल के पुराने लोगों को आज भी अच्छी तरह याद है। इसी दिन मोहम्मदाबाद के भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों को गाजीपुर में गोलियों से छलनी कर दिया गया था।

क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद लौट रहे कृष्णानंद राय को गाजीपुर में बसनिया चट्टी के पास एके-47 से भून डाला गया था। घात लगाए हमलावरों ने कृष्णानंद राय के काफिले पर एके-47 से 500 राउंड फायर झोंके थे जिसमें कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की मौत हो गई थी।

इस बहुचर्चित हत्याकांड का आरोप बाहुबली मुख्तार अंसारी पर लगा था। गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने पिछले साल इस हत्याकांड से जुड़े गैंगस्टर एक्ट के मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही अदालत में मुख्तार अंसारी पर पांच लाख का जुर्माना भी ठोका था।

अफजाल को हराकर कृष्णानंद ने दी थी बड़ी चुनौती

कृष्णानंद राय की हत्या के पीछे सियासी अदावत को सबसे बड़ा कारण माना जाता रहा है। दरअसल गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 1985 से 2002 तक अंसारी बंधुओं का वर्चस्व कायम था। 2002 में कृष्णानंद राय भाजपा के टिकट पर मोहम्मदाबाद सीट से चुनाव मैदान में उतरे और उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल करते हुए अंसारी बंधुओं को बड़ा झटका दिया।

2002 के विधानसभा चुनाव में कृष्णानंद राय ने मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी को हरा दिया था। गाजीपुर में 1996 और 1999 का लोकसभा चुनाव भाजपा उम्मीदवार मनोज सिन्हा ने जीता था। दोनों ही चुनावों में मनोज सिन्हा का कृष्णानंद राय और उनके लोगों ने समर्थन किया था।

हार के बाद बौखला गया था मुख्तार खेमा

गाजीपुर में मनोज सिन्हा के बढ़ते वर्चस्व और कृष्णानंद राय की जीत से मुख्तार खेमा बौखला गया। मोहम्मदाबाद सीट पर मिली हार को अंसारी कुनबा पचा नहीं सका और यहीं से मुख्तार अंसारी और कृष्णानंद राय के बीच सियासी अदावत की शुरुआत हुई।

वैसे गाजीपुर के सियासी हलकों में कृष्णानंद राय की पहले से ही दबंग छवि थी और यह बात भी अंसारी को नागवार गुजरती थी। दोनों पक्षों के बीच 2002 से ही तनातनी का माहौल बना हुआ था।

चुनाव जीतने के तीन साल बाद हुई हत्या

कृष्णानंद राय के चुनाव जीतने के करीब तीन साल बाद 29 नवंबर 2005 को गाजीपुर में ऐसी घटना घटी जिसमें पूरे देश को हिला दिया। उस दिन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय पास के ही गांव में आयोजित एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने के लिए घर से निकले थे। अंसारी बंधुओं को चुनौती देने के बाद कृष्णानंद राय अपनी सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क रहा करते थे। वे हमेशा बुलेटप्रूफ गाड़ी का उपयोग किया करते थे मगर उस दिन वे बुलेट प्रूफ गाड़ी की जगह सामान्य गाड़ी से क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने गए थे।

जानकारों का कहना है कि कृष्णानंद राय के इस कार्यक्रम के बारे में अंसारी गिरोह को पहले ही मुखबिरी के जरिए पूरी जानकारी मिल गई थी। कृष्णानंद राय के लौटते समय भांवरकोल ब्लॉक की बसनिया पुलिया के पास अचानक एक एसयूवी गाड़ी कृष्णानंद राय की गाड़ी के सामने आकर खड़ी हो गई। इसके बाद जो घटना हुई उसने पूर्वांचल ही नहीं बल्कि पूरे देश को दहला दिया।

एके-47 से हुई थी ताबड़तोड़ फायरिंग

एसयूवी गाड़ी से उतरे हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हत्याकांड में एके-47 का इस्तेमाल किया गया था और एके-47 से करीब 500 राउंड ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। हमलावरों ने इतनी गोलियां बरसाईं कि कृष्णानंद राय और उनके साथ बैठे छह अन्य लोग भी पूरी तरह छलनी कर दिए गए। फिल्मी स्टाइल में किए गए इस हत्याकांड में कृष्णानंद राय की गाड़ी भी पूरी तरह गोलियों से छलनी हो गई।

घटना के बाद जब कृष्णानंद राय और उनके साथ मारे गए अन्य लोगों के शवों का पोस्टमार्टम किया गया तो सभी 7 लोगों के शवों से 67 गोलियां निकली थीं। इसी से समझा जा सकता है कि शूटरों ने कितनी ताबड़तोड़ फायरिंग की थी।

इस घटना में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय के साथ मोहम्मदाबाद के पूर्व ब्लाक प्रमुख श्याम शंकर राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, भांवरकोल ब्लॉक के मंडल अध्यक्ष रमेश राय, मुन्ना यादव और कृष्णानंद राय के सरकारी गनर निर्भय नारायण उपाध्याय मारे गए थे।

हत्या के बाद हिंसा,तोड़फोड़ और आगजनी

कृष्णानंद राय की हत्या का पूर्वांचल में काफी असर दिखा था और कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। गाजीपुर में कृष्णानंद राय समर्थक सड़कों पर उतर आए थे। लोगों में इतनी जबर्दस्त नाराजगी थी कि जनाक्रोश को संभालना प्रशासन के लिए भी मुश्किल हो गया था। कृष्णानंद राय की मजबूत पकड़ मानी जाती थी और यही कारण था कि घटना के विरोध में कई स्थानों पर जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी।

इस हत्याकांड को लेकर मुख्तार अंसारी पर सीधे तौर पर उंगली उठी थी। कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने इस मामले में मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी, मुन्ना बजरंगी समेत कई लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस हत्याकांड के विरोध में राजनाथ सिंह ने चंदौली और वाराणसी में धरना भी दिया था। बाद में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने आकर यह धरना खत्म कराया था।

चश्मदीद गवाह की भी संदिग्ध हालत में मौत

कृष्णानंद राय हत्याकांड में एक उल्लेखनीय बात यह भी है कि घटना के एकमात्र चश्मदीद शशिकांत राय की भी बाद में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मामले की लंबे समय तक जांच पड़ताल की गई मगर अंत में सबूत न मिलने पर इस हत्याकांड में मुख्तार समेत सभी आरोपी बाइज्जत बरी हो गए थे।

दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने 3 जुलाई 2019 को अपना फैसला सुनाया था जिसमें पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी समेत सभी आठों आरोपियों को बरी कर दिया गया था।

अदालत ने सुनाई मुख्तार को सजा

भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और पूर्वांचल के चर्चित कारोबारी नंदकिशोर रुंगटा की हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था। मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी के खिलाफ भी कृष्णानंद राय हत्याकांड में गैंगस्टर का केस दर्ज किया गया था।

बाद में इसी मामले में गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई थी। अदालत में मुख्तार अंसारी के खिलाफ पांच लाख का जुर्माना भी लगाया था।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story