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कुंभ 2019- महाशिवरात्रि पर संगम में डुबकी लगाने को उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़

महाशिवरात्रि के पर्व कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। प्रयागराज में चल रहे आस्था के विराट संगम कुंभ मेले का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन होता है। भगवान शिव और माता पार्वती के इस पावन पर्व पर कुंभ में आए सभी भक्त संगम में डुबकी जरूर लगाते हैं।कुंभ मेला प्रशासन के मुताबिक, कुंभ के अंतिम स्नान पर करीब 60 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।

Anoop Ojha
Published on: 4 March 2019 5:01 AM GMT
कुंभ 2019- महाशिवरात्रि पर संगम में डुबकी लगाने को उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
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कुंभ नगर: महाशिवरात्रि के पर्व कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। प्रयागराज में चल रहे आस्था के विराट संगम कुंभ मेले का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन होता है। भगवान शिव और माता पार्वती के इस पावन पर्व पर कुंभ में आए सभी भक्त संगम में डुबकी जरूर लगाते हैं।कुंभ मेला प्रशासन के मुताबिक, कुंभ के अंतिम स्नान पर करीब 60 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। दिव्य कुम्भ भव्य कुम्भ अपनी दिव्यता और भव्यता लिए नित नए कीर्तिमान स्थापित कर अब पूर्णता की ओर है। जिसका समापन 5 मार्च को मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ करेंगे। महाशिवरात्रि के स्नान को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए प्रशासन ने भी चाक चौबन्द व्यवस्था की है।



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भोर से ही संगम की ओर आस्था की लहरें हिलोरें मारने लगीं। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों से उतरने वाले श्रद्धालुओं से सिविल लाइंस, बख्शी बांध, झूंसी और नैनी से संगम की ओर जाने वाली सड़केंपट गईं। कुंभ की पहचान बनीं सिर की गठरी फिर हर किसी के कंधे पर लटकी नजर आई।

जगह जगह बैरिकेटिंक कर वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के आस्था के संगम में पुण्य की डुबकी लगाकर श्रद्धालुओं का जत्था मनकामेश्वर मंदिर को रवाना हो रहा है। मनकामेश्वर मंदिर में भी पूजा अर्चना के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। रविवार की शाम 4 बजे से महाशिवरात्रि लगने के कारण अब तक लाखों श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई और मेले से प्रस्थान कर चुके हैं। लेकिन अभी भी श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला बना हुआ है।

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योगियों और संन्यासियों के लिए यह वह दिन है, जब शिव कैलाश पर्वत के साथ एकाकार हो गए थे। यौगिक परंपरा में शिव को ईश्वर के रूप में नहीं पूजा जाता है, बल्कि उन्हें प्रथम गुरु, आदि गुरु माना जाता है, जो योग विज्ञान के जन्मदाता थे।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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