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बारिश ने दिव्य कुंभ में डाला खलल, चारों तरफ कल्पवासी हुए हलाकान
दिव्य कुंभ भव्य कुम्भ का नजारा उस समय बदला बदला सा दिखा। जब मौसम ने अचानक करवट बदली और इन्द्रदेव की कृपा आसमान से अमृत वर्षा के रूप में बरसने लगी। बारिश ने जहां मेला क्षेत्र के सेक्टर नम्बर 13 से सेक्टर नम्बर 09 तक आवागमन के मार्गों को फिसलनयुक्त और खतरनाक बना दिया तो वहीं मेला क्षेत्र के कल्पवासियों के तंबुओं में भी बारिश शुरू हो गयी। आलम यह था कि सभी अपना सामान बचाते रहे।
आशीष पाण्डेय
कुंभ नगर: दिव्य कुंभ भव्य कुम्भ का नजारा उस समय बदला बदला सा दिखा। जब मौसम ने अचानक करवट बदली और इन्द्रदेव की कृपा आसमान से अमृत वर्षा के रूप में बरसने लगी। बारिश ने जहां मेला क्षेत्र के सेक्टर नम्बर 13 से सेक्टर नम्बर 09 तक आवागमन के मार्गों को फिसलनयुक्त और खतरनाक बना दिया तो वहीं मेला क्षेत्र के कल्पवासियों के तंबुओं में भी बारिश शुरू हो गयी। आलम यह था कि सभी अपना सामान बचाते रहे।
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जरा सी बारिश रूकी और हल्की सी धूप हुई तो लोग अपे तंबुओं में पन्नियां चढ़ाने लगे। गुरूवार को मेले में कल्पवास कर रहे श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा तो वहीं कुंभ क्षेत्र के समीप दारागंज में पन्नियों की दुकानों पर तो मानो रौनक सी आ गई।
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जिसे देखो कोई ई.पी. टेंट की पन्नी मांग रहा है तो कोई छोलदारी की जिसका दुकानदारों ने भी जमकर फायदा उठाया लेकिन अचंभे की बात है कि दिव्य कुंभ भव्य कुंभ में जहां पानी की तरह पैसे खर्च हो गए वहां कल्पवासियों को साधारण टेंट क्यों दिए गए यदि वाटरप्रूफ टेंट होते तो शायद ऐसी स्थिति न होती लेकिन प्रशासन द्वारा शायद इस ओर गंभीरता नहीं दिखाई या फिर अखाड़ों एवं प्रशासन के पण्डालों के अलावा कल्पवासियों के टेंट पर ध्यान ही नहीं गया।