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आंकड़ों की बाजीगरी कर भीड़ बताने वाले प्रशासन को भीड़ देख छूट रहे पसीने

वाहनों के आवाजाही पर प्रतिबंध है लेकिन आस्था के सामने तो उम्र भी हार मान रही है। बजुर्ग और वृद्धाओं में तो मानो पहले स्नान करने की होड़ सी लगी है। शाही यही है आस्था का कुंभ या फिर यही है दिव्य कुंभ जिसकी भव्यता आज प्रयागराज का गुणगान कर रही है।

Shivakant Shukla
Published on: 3 Feb 2019 1:53 PM GMT
आंकड़ों की बाजीगरी कर भीड़ बताने वाले प्रशासन को भीड़ देख छूट रहे पसीने
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आशीष पाण्डेय,

कुंभ नगर: दिव्य कुंभ-भव्य कुंभ की दिव्यता और भव्यता के बखान के नाम पर मे मेला प्रशासन ने भीड़ के आंकड़ों में मकर संक्रांति और पुन्नवासी पर खूब बाजीगरी की लेकिन मौनी अमावस्या जो कि कुंभ का मुख्य स्नान पर्व है और दूसरा शाही स्नान है।

इस दिन का विशेष महत्व होता है शायद इसी को लेकर करोंड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का रेला शुक्रवार से लगातार तंबुओं की नगरी में प्रवेश कर रहा है। रविवार को भीड़ का मंजर कुछ ऐसा रहा कि उन्हें नियंत्रण करने में मेला व पुलिस प्रशासन को खूब मशक्कत करनी पड़ी या यह कहें कि एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा तो अतिशयोक्ति न होगी।

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कुंभ नगर की काली सड़क, त्रिवेणी सड़क, फोर्ट रोड, परेड क्षेत्र, दारागंज दालमण्डी इलाका भीड़ से खचाखच भरा रहा। जिधर भी देखो सिर पर गठरी मोठरी लादे दूर दराज के प्रांतों एवं शहरों से लोग मौनी अमावस्या पर आस्था के संगम में पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। कुंभ नगर में दिख रही भारी भीड़ ने प्रशासन को भीड़ का आंकड़ा बता दिया लेकिन इस बार यह आंकड़ा आम जनता ही बता रही है। जिधर देखो बस यही चर्चा है कि मौनी अमावस्या तो सोमवार को है लेकिन रविवार की शाम तक दो करोड़ से अधिक लोग मेले में आ गए और अब तक आंकड़ों से खेल रहे प्रशासन को सही मायने में भीड़ प्रबंधन में पसीने छूट रहे हैं।

हेलो! मैं एसएसपी माघ मेला बोल रहा हूं। संयम बरतें और सेक्टर 16 वाले उधर ही संगम में स्नान करें

मेले में खचाखच भीड़, गांव दिहात एवं दूर दराज शहरों से आए लोग कोसों पैदल चल रहे हैं और जब कुंभ नगरमी में प्रवेश करते हैं तो वह सिर पर गठरी लाद मदमश्त चाल में केवल संगम की ओर रूख करते हैं। जिसको लेकर पुलिस को उन्हें समझाने में खूब पापड़ बेलने पड़े। आलम यह हो गया कि भीड़ को समझाने के लिए बीच बीच में एसएसपी मेला खुद माइक संभालते और अलाउंस करते। हेलो! मैं एसएसपी माघ मेला बोल रहा हूं। कृपया मेले में संयम बरतें और निर्धारित मार्गों पर चलकर बनाए घाटों पर स्नान करें। झूंसी की तरफ से आ रहे श्रद्धालु पुल न पार करें सेक्टर 16 में भी संगम घाट है और बहुत बढ़िया है वहीं स्नान करें। लेकिन श्रद्धालु हैं कि मानने को तैयार नही।

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शहर की सड़कों पर नहीं है पांव रखने की जगह

दो स्नान बीत गए प्रशासन ने बड़े बड़े दावे कर आंकड़ों की बाजीगरी की लेकिन इस बार की भीड़ खुद गवाही दे रही है कि हां कुंभ है और हम मौनी अमावस्या पर संगम नहाएंगे। सिविल लाइन बस अड्डा से मेडिकल चौराहा, बैरहना से चुंगी, बेड़ी माधव मंदिर मार्ग, बक्सी बांध, नया यमुना पुल, शास्त्री पुल या फिर गऊघाट पुल हर तरफ केवल सिर पर गठरी लाद कर आस्था की डुबकी लगाने को आतुल श्रद्धालुओं का रेला है। चप्पे चप्पे पर बैरिकेटिंग की गई है।

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वाहनों के आवाजाही पर प्रतिबंध है लेकिन आस्था के सामने तो उम्र भी हार मान रही है। बजुर्ग और वृद्धाओं में तो मानो पहले स्नान करने की होड़ सी लगी है। शाही यही है आस्था का कुंभ या फिर यही है दिव्य कुंभ जिसकी भव्यता आज प्रयागराज का गुणगान कर रही है।

Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

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