TRENDING TAGS :
कुंभ नगरी में जनसमुद्र का रेला, रच दिया गौरवशाली इतिहास
भारत धार्मिक, आध्यात्मिक और पौराणिक मान्यताओं का देश है। यहां वेदों और शास्त्रों का अदभुत संग्रह है। जिसे देखने और पढ़ने के लिए विश्व से लोग आते हैं। इसी में भारत का एक ऐतहासिक, पौराणिक मान्यताओं और धरोहरों से लबरेज तीर्थीराज प्रयाग है।
आशीष पाण्डेय
कुंभ नगर: भारत धार्मिक, आध्यात्मिक और पौराणिक मान्यताओं का देश है। यहां वेदों और शास्त्रों का अदभुत संग्रह है। जिसे देखने और पढ़ने के लिए विश्व से लोग आते हैं। इसी में भारत का एक ऐतहासिक, पौराणिक मान्यताओं और धरोहरों से लबरेज तीर्थीराज प्रयाग है। उत्तर प्रदेश की प्रयागराज नगरी की कुल आबादी जहां 60 लाख के करीब है तो वहीं इसी शहर में गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के पावन तट पर तम्बुओं की एक नगरी बसती है। जहां कुंभ का मेला होता है। यह मेला पुरातन संस्कृति और सभ्यता का बखान करता है। यहां मंत्रों की गूंज, देवत्व के उद्घोष और शंखों की गूंज और डमरू की डम डम से लोग आध्यात्मिकता में विलीन हैं।
यह भी पढ़ें.....मौनी अमावस्या पर प्रदेशवासियों एवं कुंभ में स्नान हेतु देश-विदेश से पधारेे संत-महात्माओं एवं श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं: योगी
मेषराशिगते जीवे मकरे चन्द्रभास्करौ।
अमावस्या तदा योग: कुंभख्यस्तीर्थ नायके।।
यह भी पढ़ें.....तस्वीरों में देखें मौनी अमावस्या पर कुंभ में आस्था का उमड़ा जन सैलाब
प्रयागराज में कुंभ के पौराणिक महत्व की गाथा इस स्लोक में झलकती है। जिसका अर्थ है कि जब बृहस्पति मेष राशि में, चन्द्र सूर्य मकर राशि में आते हैं और अमावस्या की तिथि हो तो तीर्थ राज प्रयाग में कुंभ का योग बनता है। कुंभ को न केवल देश बल्कि दुनिया के लोगों के लिए एक अद्भुत मेला है। जहां धार्मिक आस्था का एक विशेष रेला होता है एक ऐसा जनसमुद्र जहां लोगों में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने की होड़ लगती है।
यह भी पढ़ें....कुंभ: मौनी अमावस्या के एक दिन पहले से ही कई सड़कों को किया गया बंद
इसी कुंभ नगरी के 35 किर्मी के क्षेत्रफल ने मौनी अमावस्या पर एक नया कीर्तिमान रच दिया। विश्व में जहां कई देशों की आबादी 2 करोड़ से 5 करोड़ है तो वहीं अंकेले कुंभ नगरी ने एक दिवसीय धार्मिक, आत्यामिक आकर्षण के चलते पांच करोड़ की आबादी को समेटने का गौरवशाली इतिहास रच दिया। जिसे देखने के लिए देश और दुनिया के लोग जुटे हैं।