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Kushinagar News: काला नमक चावल अधिक उपज और सुगंधित बनाने पर काम, बासमती को देता है मात

kushinagar News: वैज्ञानिकों के इस कदम से उम्मीद जगी है कि कुशीनगर जनपद में भी काला नमक चावल की खेती अधिक क्षेत्रफल में होगी और इस जनपद में भी काला नमक चावल की सुगंध बिखरेगा।

Mohan Suryavanshi
Published on: 4 Sept 2022 2:36 PM IST
Kushinagar News
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काला नमक चावल (photo: social media ) 

Kushinagar News: कुशीनगर जनपद की माटी में भी काला नमक चावल की उत्पादन भरपूर होने की संभावना है। काला नमक चावल की खेती वर्तमान में कम क्षेत्रफल में हो रही है । लेकिन जनपद के मोतीचक ब्लाक के असना गांव में अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय केंद्र आई सार्क और एस एएच डी नामक संस्था के सहयोग से काला नमक चावल की मूल सुगंध को वापस लाने के लिए वैज्ञानिक जर्म प्लाज्मा का परीक्षण किए हैं।

वैज्ञानिकों के इस कदम से उम्मीद जगी है कि कुशीनगर जनपद में भी काला नमक चावल की खेती अधिक क्षेत्रफल में होगी और इस जनपद में भी काला नमक चावल की सुगंध बिखरेगा। इसके महत्व को देखते हुए काला नमक की तमाम किस्मों के जर्मप्लाज्मा को एकत्रित कर और अधिक उपज, सुगंध तथा शुद्धता देने वाली चावल की किस्म का आईसार्क तथा एसएचडीए के विशेषज्ञ विकसित करने की दिशा में काम कर रही है।

महात्मा बुद्ध से जुड़ा काला नमक चावल की ऐतिहासिकता

काला नमक चावल और महात्मा बुद्ध से जुड़ाव की ऐतिहासिकता बताई जाती है कि गौतम बुद्ध ज्ञान प्राप्त के बाद बोधगया से अपनी राजधानी कपिलवस्तु लौट रहे थे। वे रास्ते में बजहा नामक जगह जो वर्तमान में सिद्धार्थ नगर जिले में पड़ती है। वो यहां रुके थे। महात्मा बुद्ध ने इस धान को यहां रहने वाले किसानों को दिया था कि इसकी खुशबू हमूारी याद दिलाती रहेगी। इस चावल का इतिहास करीब 27 सौ साल पुराना है। इसका जिक्र चीनी यात्री ह्वेनसांग के यात्रा वृतांत में भी मिलता है.

विदेशी मेहमानो को दिया गया था गिफ्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के 29वें इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण कुशीनगर में किया । इस खास मौके के लिए सात देशों के 125 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया । सभी अतिथियों को भेंट में पूर्वांचल का खास चावल 'काला नमक' भेंटका किया । इसे बुद्ध का महा प्रसाद कहा जाता है।

काला नमक चावल के बारे में जानकार बताते हैं कि इस चावल में शुगर न के बराबर है. इसमें सामान्य चावल के मुकाबले प्रोटीन दोगुना, आयरन तीन गुना और जिंक चार गुना है. इसलिए प्राचीन वैराइटी का यह चावल दाम, खासियत और स्वाद तीनों मामले में बासमती को मात देता है। चावल की खासियत यह भी है कि यह बहुत सुगंध देती है।

काला नमक के लिए मिट्टी

काला नमक चावल का उत्पादन क्षेत्र सिद्धार्थनगर जनपद को माना जाता है लेकिन काला नमक खेती दोमट मिट्टी पर तराई क्षेत्रों में कहीं भी हो सकती है पूर्वांचल के बस्ती, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज जिलों में काला नमक की खेती कीसकती है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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