Kushinagar News: अमवा के महादेव मंदिर में 1973 से अखंड सीताराम कीर्तन प्रारंभ, 51 वर्ष तक कराने का संकल्प

Kushinagar News: 3 जुलाई 1969 को मंदिर की स्थापना की गई। इसके बाद 27 सितंबर 1973 को अखंड सीताराम कीर्तन प्रारंभ हुआ। वहीं, 51 वर्ष तक अखंड कीर्तन कराने का संकल्प लिया गया है।

Mohan Suryavanshi
Published on: 3 Aug 2022 12:08 PM GMT
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अमवा का महादेव मंदिर। 

Kushinagar News: जनपद का रामकोला क्षेत्र (Ramkola area) के अमवा शिव मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। भक्तों की मान्यता है कि जो भी महादेव से सच्चे मन से मांगते हैं वह अवश्य पूरा करते हैं। वैसे तो श्रद्धालु यहां वर्ष भर रूद्राभिषेक कराते और मनौती मांगते हैं लेकिन श्रावण मास (shravan month) में विशेष महत्व है । इस माह यहां बहुत भीड़ हो रही है। शिव भक्त दूर दराज से जल चढ़ाने तथा पूजा अर्चना करने आ रहे हैं।

रामकोला-कसया मार्ग (Ramkola-Kasaya Road) पर स्थित अमवाधाम शिव मंदिर क्षेत्र का बहुत जगता शिव मंदिर के रूप प्रसिद्ध है। अमवा धाम (Amva Dham) के महंथ जी ने मंदिर के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि यहां जमीन से निकले शिवलिंग की पूजा होती है। आसपास के लोग इन्हें बऊरहवा बाबा के नाम से पूजते हैं।

महंत शिवराम दास ने मंदिर के विषय में बताया

महंत शिवराम दास (Mahant Shivram Das) के अनुसार बहुत पहले रामकोला क्षेत्र में अमवा गांव का यह इलाका जंगल था। स्थानीय लोगों ने गाय-भैंस चराते समय जमीन से निकले शिवलिंग को देखा और साफ-सफाई करके पूजा पाठ करने लगे। तीन जुलाई वर्ष 1969 को यहां मंदिर की स्थापना की गई। इसके बाद 27 सितंबर 1973 को अखंड सीताराम कीर्तन प्रारंभ हुआ। कीर्तन के 12 वर्ष पूर्ण होने पर जनवरी 1985 में विशाल यज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें करपात्री महराज और महंत अवेद्यनाथ, दूर दूर से धर्माचार्य,मानस मर्मज्ञ समेत कई प्रमुख संत आए थे।

51 वर्ष तक अखंड कीर्तन कराने का लिया गया है संकल्प

प्रत्येक वर्ष यहां माघ मास में सात दिवसीय या नौ दिवसीय यज्ञ और प्रवचन होता है। पूर्णाहुति के दिन विशाल भंडारा होता है। इस मंदिर में सुबह-शाम भंडारा का भी आयोजन किया ही जाता है। उन्होंने बताया कि यहां लगातार 51 वर्ष तक अखंड कीर्तन कराने का संकल्प लिया गया है। अनवरत यहां चौबीसों घण्टे सीताराम का संकीर्तन ढोल मंजीरे पर होता है। शुरुआत से लेकर अब तक आसपास के गांवों के लोग ही कीर्तन करते हैं। मंदिर के साधु व सेवकों के अलावा आसपास के गांवों के लोग अपनी सुविधा व समय के अनुसार यहां बैठकर सीताराम संकीर्तन करते रहते हैं। श्रद्धालु आस्था व मन्नत पूर्ण होने पर भी इस मंदिर में रूद्राभिषेक कराते हैं।

मंदिर में चलता प्रतिदिन चलता है विशाल भंडारा

रामकोला क्षेत्र के सुप्रसिद्ध महादेव के मंदिर में प्रतिदिन विशाल भंडारा चलता है। भंडारा क्षेत्रीय लोगों के सहयोग से होता हैं। सावन माह में तो भंडारा भक्त गण कराते हैं। इस माह में भंडारे में तरह तरह के पकवान बनते हैं। भंडारे के समय जो भी श्रद्धालु आते है प्रसाद ग्रहण करते हैं। अन्य माह में मंदिर के तरफ से भंडारा होता है।

Deepak Kumar

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