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Kushinagar: मानवता को शर्मसार करती व्यवस्था, मां को बेटे के शव को कंधे पर ले जाना पड़ा घर

Kushinagar News: जनपद के तमकुहीराज से एक ऐसी खबर, जो मानवता को शर्मसार कर देने वाली है। स्वास्थ्य विभाग के लोग एक मां की ममता की को नही समझे और मां विवश होकर अपने मृत बच्चे को कंधे पर लाद कर घर चल दी।

Mohan Suryavanshi
Published on: 2 Aug 2022 1:00 PM IST (Updated on: 2 Aug 2022 2:15 PM IST)
Kushinagar News
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मृत बच्चे को कंधे पर ले जाती मां (साभार न्यूज़ नेटवर्क)

Kushinagar News: जनपद के तमकुहीराज से एक ऐसी खबर है, जो मानवता को शर्मसार कर देने वाली है। स्वास्थ्य विभाग के लोग एक मां की ममता की महती को नही समझे और मां विवश होकर अपने मृत बच्चे को कंधे पर लाद कर घर चल दी। स्वास्थ्य विभाग तमाशीन बना रहा। बच्चे के शव को उसके घर तक नहीं पहुंचा पाया। यह सोचकर मन सिहर जा रहा है कि उस मां के दिल पर क्या गुजरा होगा जो अपने मृत बच्चे को कंधे पर ढो कर ले जाना पड़े।

क्या है पूरा मामला

बिहार के रहने वाले ओहाब अंसारी कुशीनगर जनपद के नगर पंचायत तमकुहीराज कस्बा में किराये के मकान रहते हैं । रोजी रोटी के लिए राज मिस्त्री का काम किया करते हैं। कल दोपहर में रूम पर ओहाब अंसारी का पांच बर्षीय पुत्र नूर मोहम्मद 5 बर्ष खेल रहा था। खेलते खेलते अचानक वह बिजली की चपेट में आ गया। विद्युत स्पर्शाघात के शिकर अपने बच्चे को लेकर आनन फानन में रोती विलखती मां सामुदायिक स्वास्थ्य तमकुहीराज लेकर पहुँची, जहां चिकित्सक ने जांच करने के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया।

सीएचसी तमकुही में अपने बच्चे के मृत होने की जानकारी मिलते ही मां बदहवास हो गयी। इधर स्वास्थ्य कर्मियों का दबाव कि यहा से जल्दी चले जाओ उधर लाल खोना का गम। अंत में कोई मदद नहीं मिलता देख मां ने कलेजे पर पत्थर रखकर अपने बेटे का शव कंधे पर लेकर घर को चल दिया। मां द्वारा मृत बच्चे को कंधे पर लाद कर ले जाता देख एक व्यक्ति अपने बाईक से उसे घर पहुंचाया। मृत पुत्र को अस्पताल से कंधे पर लाद कर निकलती मां को देख कर लोग स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाने लगे।

सीएचसी पर गरीबो का शोषण

सीएचसी तमकुहीराज में इराज कराने वाले ज्यादातर गरीब तबके के लोग होते है। फ्री दवा के चक्कर में आकर यहा शोषण का शिकार हो जाते हैं। उन्हें सरकारी दवा कम मिलती हैं और बाहर की दवा ज्यादा खरीदना पड़ता हैं। वाहरी दवा में चिकित्सको को अधिक कमीशन मिलता हैं। स्वास्थ्य कर्मी भी समझते हैं कि सीएचसी में गरीब और मजबूर लोग इलाज के लिए आते हैं। इनके साथ किसी भी तरह का व्यवहार करो क्या कर पायेगें।



Prashant Dixit

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