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Kushinagar News: अमवा शिव मंदिर में धरती से निकले शिवलिंग की होती पूजा, शिवरात्रि पर जुटती है भारी भीड़
Kushinagar News: रामकोला क्षेत्र के अमवा शिव मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। वैसे तो भक्त यहां वर्ष भर आते हैं लेकिन महाशिवरात्रि के दिन भारी भीड़ लगती है। इस दिन मंदिर परिसर स्थित कुएं से जल निकालकर भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।
Kushinagar News: रामकोला क्षेत्र के अमवा शिव मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। वैसे तो भक्त यहां वर्ष भर आते हैं लेकिन महाशिवरात्रि के दिन भारी भीड़ लगती है। इस दिन मंदिर परिसर स्थित कुएं से जल निकालकर भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। शिवरात्रि पर एक विशाल मेला भी यहां लगता है। शिव भक्त दूर दराज से जल चढ़ाने तथा पूजा अर्चना करने आते हैं। रामकोला-कसया मार्ग पर रामकोला नगर से महज पांच किमी दूरी पर स्थित अमवाधाम शिव मंदिर क्षेत्र का बहुत प्रसिद्ध शिव मंदिर है।
बऊरहवा बाबा के नाम से पूजा
अमवा धाम के महंत ने मंदिर के विषय में बताया कि यहां जमीन से निकले शिवलिंग की पूजा होती है। आसपास के लोग इन्हें बऊरहवा बाबा के नाम से पूजते हैं। कहा जाता है कि बहुत पहले रामकोला क्षेत्र में अमवा गांव का यह इलाका जंगल था। स्थानीय लोगों ने गाय-भैंस चराते समय जमीन से निकले शिवलिंग को देखा और साफ-सफाई करके पूजा पाठ करने लगे। मंदिर के महंत के मुताबिक तीन जुलाई वर्ष 1969 को यहां मंदिर की स्थापना की गई।
माघ मास में यज्ञ और प्रवचन
इसके बाद 27 सितंबर 1973 को अखंड सीताराम कीर्तन प्रारंभ हुआ। कीर्तन के 12 वर्ष पूर्ण होने पर जनवरी 1985 में विशाल यज्ञ का आयोजन हुआ, जिसमें करपात्री महाराज, महंत अवैद्यनाथ, दूर-दूर से धर्माचार्य, मानस मर्मज्ञ समेत कई प्रमुख संत आए थे। प्रत्येक वर्ष यहां माघ मास में सात दिवसीय या नौ दिवसीय यज्ञ और प्रवचन होता है। पूर्णाहुति के दिन विशाल भंडारा होता है। इस मंदिर में सुबह-शाम भंडारे का भी आयोजन किया जाता है।
लगातार 51 वर्ष तक अखंड कीर्तन
उन्होंने बताया कि यहां लगातार 51 वर्ष तक अखंड कीर्तन कराने का संकल्प लिया गया है। अनवरत यहां चौबीसों घण्टे सीताराम का संकीर्तन ढोल मंजीरे पर होता है। शुरुआत से लेकर अब तक आसपास के गांवों के लोग ही कीर्तन करते हैं। मंदिर के साधु व सेवकों के अलावा आसपास के गांवों के लोग अपनी सुविधा व समय के अनुसार यहां बैठकर सीताराम संकीर्तन करते रहते हैं। श्रद्धालु आस्था व मन्नत पूर्ण होने पर भी इस मंदिर में रूद्राभिषेक कराते हैं।
मंदिर में चलता प्रतिदिन विशाल भंडारा
रामकोला क्षेत्र के सुप्रसिद्ध महादेव के मंदिर में लोगों के सहयोग से प्रतिदिन विशाल भंडारा चलता है। सावन माह में भंडारा भक्त गण खूब कराते हैं। इस माह में भंडारे में तरह-तरह के पकवान बनते हैं। भंडारे के समय जो भी श्रद्धालु आते हैं, प्रसाद ग्रहण करते हैं। अन्य माह में मंदिर के तरफ से भंडारा होता है।