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Kushinagar: कुशीनगर के स्वच्छता दूत हैं सुन्द्रेश वर्मा, स्वच्छता के लिए छोड़ दिया अपना पैतृक कारोबार
सुन्द्रेश जनपद के गांव और शहरों को स्वच्छ बनाने का अभियान से वर्षों से जुड़े हुए है। बिना किसी मदद के प्रतिदिन किसी न किसी जगह पर सफाई अभियान चलाते हैं।
ऐसे कम ही लोग होते हैं जो अपने मूल पेशे से हटकर समाज के लिए कुछ अलग करना चाहते हैं। कुशीनगर में ऐसे ही एक शख्स हैं जिनका नाम सुन्द्रेश वर्मा है जो स्वच्छता के दूत बने हैं । स्वच्छता के प्रति ऐसी दीवानगी है कि सुबह से शाम तक सफाई करने के साथ साथ प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक करते हैं।
सुन्द्रेश जनपद के गांव और शहरों को स्वच्छ बनाने का अभियान से वर्षों से जुड़े हुए है। बिना किसी मदद के प्रतिदिन किसी न किसी जगह पर सफाई अभियान चलाते हैं। सुन्द्रेश कुशीनगर जनपद के तुर्क पट्टी थाना क्षेत्र के जोकवा बाजार निवासी हैं। जो पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए अकेले ही मोदी जी के स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।
मोदी जी के स्वच्छता अभियान से प्रभावित हैं
स्वच्छता अभियान पर निकले सुन्द्रेश वर्मा ने बताया कि मोदी जी के स्वच्छता अभियान से प्रभावित हूं । जब देश का प्रधानमंत्री झाडू उठा कर सफाई कर सकता है तो हम लोग क्यों नहीं । वे इस कार्य में बरसों से लगे हुए हैं फाजिलनगर, जोकवा बाजार, पटहेरवा, तमकुही आदि क्षेत्रों में प्रतिदिन घूम घूम कर सफाई करते हैं । इसके लिए एक छोटा सा वैन भी खरीदे हैं । जिस पर स्वच्छता अभियान के स्लोगन के साथ प्रधानमंत्री मोदी का पोस्टर लगा हुआ है। इस वाहन पर झाड़ू ,फावड़ा ,बेलचा आदि रखते हैं और जहां भी गंदगी देखते हैं सफाई में लग जाते हैं।
स्वच्छता दीवानगी के चलते छोड़ दिया अपना पैतृक कारोबार
मोदी जी के स्वच्छता अभियान से इतने प्रभावित हुए कि अपना फलता फूलता पैतृक कारोबार सर्राफ की दुकान बंद कर स्वच्छता अभियान में कूद पड़े। सुंद्रेश बताते हैं कि जोकवा में सर्राफा की दुकान थी। स्वच्छता के प्रति ऐसी दीवानगी जगी की दुकान बंद कर इस अभियान में कूद पड़ा । बताते हैं कि मेरा सपना है कि हमारे जनपद का प्रत्येक गांव और शहर साफ रहे। वह कहते हैं कि जीवन का अनमोल रत्न, सफाई ,भजन सत्य कर्म। स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अपने वैन पर स्पीकर बांधकर रिकॉर्डेड प्रचार भी करते हैं।
सैकड़ों मृत जानवरों का कर चुके हैं दफन
पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए संकल्पित सुंद्रेश कहीं भी लावारिस जानवर मृत पाते हैं तो उसे उठा कर ले जाकर उचित स्थान पर दफन करते हैं। इस तरह से उन्होंने सैकड़ों पशुओं का दफन किया है ।
स्वच्छता अभियान को गरीबी का दंश भी नहीं हिला पाया
स्वच्छता अभियान के लिए अपने व्यवसाय की कुर्बानी देने वाले सुन्द्रेश ने परिवार खर्च के लिए अपनी कुछ जमीनी भी बेच दिया। इनकी पांच बेटियां हैं दो कि शादियां हो गई है लेकिन तीन की अभी शादी करनी है । परिवार में सरकारी राशन ही भोजन का सहारा है । विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद स्वच्छता अभियान पर अडिग हैं।
स्व वीके सिंह सेवा संस्थान ने किया सम्मानित
सुंद्रेश को अभी तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है और न हीं किसी सरकारी अफसर की निगाहें उनके अभियान पर पड़ी है। लेकिन क्षेत्र के स्वर्गीय बीके सिंह सेवा संस्थान ने इनके पर्यावरण के प्रति प्रेम देखकर प्रशस्ति पत्र एवं नकदी देकर सम्मानित किया है।
कुशीनगर जनपद के बड़हरा चौक पर सफाई करते सुन्द्रेश वर्मा।