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Kushinagar News: जनपद की नहरें हुई बेपानी सिंचाई के लिए मचा हाहाकार, फसलें हो रहीं खराब

Kushinagar News: फसल को बचाने के लिए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है । चुनावी पर सातवें चरण में सातवें स्थान पारे पर है । ऐसे में जनप्रतिनिधियों को बेसिक मुद्दों से क्या मतलब है।

Mohan Suryavanshi
Published on: 29 May 2024 7:03 AM GMT
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Kushinagar News: कुशीनगर जनपद में गर्मी चरम पर है। नहरे ताल पोखरे सूख गए है। सरेह में रहने वाले बेजुबान पशु पक्षी पीने की पानी के लिए तरस रहे हैं। तो वही किसान अपने फसलों को बचाने के लिए दिन रात पम्प सेट से खेतो की सिंचाई कर है। जनपद का सबसे सस्ता और सिंचाई का मुख्य साधन नहर बेपानी हो गई है। जनपद में बहने वाली मुख्य पश्चिमी गंडक नहर में पानी न आने से जनपद की सभी माइनर सूखी पड़ी है। जिससे जनपद के हजारों हेक्टेयर फसलों की सिंचाई प्रभावित हो गई है। अपनी फसल को बचाने के लिए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है । चुनावी पर सातवें चरण में सातवें स्थान पारे पर है । ऐसे में जनप्रतिनिधियों को बेसिक मुद्दों से क्या मतलब है।

जनपद में सिंचाई के दो प्रमुख साधन नहर और बोरिंग

कुशीनगर जनपद में नहरे का जाल बिछा है यहां अधिकतर खेती के लिए सिंचाई की सबसे अच्छा साधन नहर है। नहर की सिंचाई मुक्त है ऐसी नहरों में पानी की सप्लाई समय से होने से किसानों पर लागत का बोझ काम पड़ता है । मई का महीना बीतने को है अभी पश्चिमी दंडक नहर में पानी नहीं छोड़ा गया है । किसान अपनी फसल पंप सेट चला कर बचा रहा है जिसकी लागत मूल्य अधिक आ रही है। इस समय धान का बेहन गिराया जाता है ऐसे में पानी की सप्ताह की अतिआवश्यकता होती है। वहीं गन्ने की नई प्रजातियां भरपूर सिंचाई पर ही पैदा होती हैं । नहर में पानी नहीं आने से गन्ने की सिंचाई नहीं हो पा रही है और फसल सूख रही है। किसान बस ईश्वर की उम्मीद पर बैठा है कि कब बारिश होगी।

वाल्मीकि बैराज से नहरे में आती है पानी

कुशीनगर जनपद की मुख्य नहर पश्चिमी गंडक नहर है। यह नेपाल की वाल्मीकि बैराज से निकलती है और कुशीनगर होते हुए बिहार प्रांत को चली जाती है। मुख्य नहर से ही कई दर्जन सहायक नहरे निकलते हैं जो जनपद की दूर राज इलाकों तक पानी पहुंचती हैं।

Shalini singh

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