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Kushinagar News: नहाय खाय के साथ कल से शुरू होगा छठ महापर्व, घाटों पर दिखने लगी रौनक
Kushinagar News: लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत कल से नहाय खाय के साथ शुरू होगी। एक सप्ताह से नदी, तालाबों और पोखरों के तटों पर बने वेदियों की साफ-सफाई और रंगाई-पुताई शुरू हो गयी है।
Kushinagar News: लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत कल से नहाय खाय के साथ शुरू होगी। 17 नवंबर को खरना तथा 18 नवंबर को निर्जला व्रत रहेगा। 19 को छठ घाटों पर व्रती महिलाएं डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा करेंगी। 20 नवंबर को छठ घाटों पर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पश्चात व्रत का समापन होगा।
कुशीनगर जनपद बिहार प्रांत की सीमाई जिला है। इसलिए छठ महापर्व की धूम खूब दिख रही है। एक सप्ताह से नदी, तालाबों और पोखरों के तटों पर बने छठी वेदियों की साफ सफाई और रंगाई पुताई हो रही है। बाजारों में भी छठ की रौनक दिख रही है। दीपावली व गोवर्धन पूजा के बाद छठ की तैयारी शुरू हो जाती है। जिसके परिवार में कोसी रहती है वहां तैयारी ज्यादा करनी पड़ती हैं। छठ पूजा के लिए पीतल या बास की सुपली, दउरा सभी प्रकार के फल, गन्ना सहित तमाम सामग्रियों की आवश्यकता पड़ती है।
छठ पर्व में चार दिन का होता है विशेष महत्व
पूर्वांचल खासकर बिहार प्रांत से उपजा यह महापर्व जनपद के घर-घर में छा गया है। इस पर्व में 4 दिन का विशेष महत्व होता है। पहला दिन नहाए खाय का होता है जो कल यानी शुक्रवार को है। इस दिन महिलाएं नहा धोकर चावल व लौकी की सब्जी बनाती हैं। दूसरा दिन खरना शनिवार को है इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं।
तीसरे दिन बड़ी छठ रविवार को है। व्रती महिलाएं दोपहर बाद छठ घाटों पर पूजा सामग्री के साथ जाती हैं और छठ वेदी पर पूजा अर्चना कर डूबते हुए सूर्य को जल देती है। चौथा दिन दिन सुबह का विशेष महत्व है। इस दिन महिलाएं उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं। छठ घाटों पर खूब प्रसाद का वितरण होता है और छठ माता से मन्नत भी मांगी जाती हैं। छठ पर्व पर बच्चों का मुंडन संस्कार भी खूब होता है और लोग धूमधाम से मुंडन भी कराते हैं।