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Kushinagar News: चीनी के कटोरा इलाके में गन्ने के उत्पादन पर छा रहे संकट के बादल, किसानों की हालत दयनीय
Kushinagar News: कुशीनगर जनपद की अधिकांश मिट्टी गन्ना उत्पादन के लिए अनुकूल है इधर कुछ वर्षों से गन्ने की अच्छी प्रजातियां रोग ग्रस्त हो जाने से गन्ना किसानों की पैदावार लगातार कम होती चली जा रही है।
Kushinagar News: पूर्वांचल का चीनी का कटोरा कहा जाने वाला जनपद कुशीनगर में गन्ना किसानों की हालत दिनप्रति दिन खराब होती चली जा रही जा रही है। इसका कारण गिरता उत्पादन दर ,गन्ना कृषि बीमा योजना से बाहर और बढ़ती लागत मूल्य बताया जा रहा है। इस वर्ष तो गन्ने की तमाम प्रजातियों सूख रही हैं जिससे गन्ना किसानों पर संकट की बादल छा रहे हैं। लगातार घाटा होने के बावजूद गन्ना किसान कर्ज लेकर इस उम्मीद से फसल बो रहे हैं शीघ्र हमारे दिन बहुरेंगे।
अधिक उत्पादन देने वाली गन्ना प्रजातियां हो गई रोग ग्रस्त
कुशीनगर जनपद की अधिकांश मिट्टी गन्ना उत्पादन के लिए अनुकूल है इधर कुछ वर्षों से गन्ने की अच्छी प्रजातियां रोग ग्रस्त हो जाने से गन्ना किसानों की पैदावार लगातार कम होती चली जा रही है। कम पैदावार की गन्ने की प्रजाति में लागत अधिक आ रहा है जिसे किसान घबरा गए हैं। जनपद की लो लैंड इलाक़े में अधिक पानी लगने से गन्ना सूख रहा है । गन्ने की फसल बीमा योजना के दायरे में नहीं है इसलिए प्राकृतिक आपदाओं से नष्ट हुई गन्ने की फसल की कोई मुआवजा नहीं मिल पाता है। कुछ वर्ष पूर्व में जनपद में गन्ने की बेस्ट प्रजाति 0238 तथा 0239 काफी सफल थी। जागरूक किसान ने बताया कि चार डिसमिल जमीन में 18 से 20 कुंतल गन्ने का उत्पादन होता था। लगा की गन्ना किसानों के दिन बहुत जाएंगे लेकिन इन दोनों प्रजातियों में रेडरॉड रोग लग गया और पूरा का खेत का खेत सूख गया । उसके जगह पर जो गन्ने की प्रजातियां आई हैं उनमें लागत अधिक है और उत्पादन कम है। किसानों ने बताया कि इस समय चार डिसमिल जमीन में 8 से 10 कुंतल गन्ना उत्पादन हो रहा है । गन्ने की छिलाई , मिल तक पहुंचाने में भाड़ा आदि खर्च के बाद किसानों को कुछ नहीं बच रहा है। ऐसे में किसानों की हालत दिन प्रतिदिन बदतर होती चली जा रही है।
ठोस पहल नहीं हुई तो चीनी उद्योग भी संकट में आ जाएंगे
जनपद के जागरूक गणना किसानों का कहना है कि चीनी की कटोरा से चीनी को बचाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाना होगा । जरूरत है गन्ने की अच्छी प्रजातियों से लेकर, गन्ना किसानों को विशेष सुविधाओं की। घटते गन्ना उत्पादन दर से चीनी उद्योग भी प्रभावित होंगे। वैसे तो जनपद में चार सेवरही , रामकोला खड्डा और ढाढा में निजी क्षेत्र की चीनी मील चल रही हैं। इस वर्ष अनुमान लगाया जा रहा है कि सभी चीनी मिलों को भरपूर गन्ना नहीं मिल पाएगी और समय से पहले ही सभी चीनी मील बंद हो जाएगी । जिससे उनका चीनी का उत्पादन घटेगा।