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क्या लैकफेड घोटाले से जुड़े हैं वेयर हाउस के अजय गंगवार की नियुक्ति के तार, हुए बर्खास्त

यूपी की सियासत में तब भूचाल आ गया था। जब कोऑपरेटिव सेल की एसआइबी के कार्यवाहक एसपी एपी गंगवार ने श्रम निर्माण एवं सहकारी संघ लिमिटेड (लैकफेड) घोटाले की जांच शुरू की।

Anoop Ojha
Published on: 15 Dec 2017 12:57 PM GMT
क्या लैकफेड घोटाले से जुड़े हैं वेयर हाउस के अजय गंगवार की नियुक्ति के तार, हुए बर्खास्त
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क्या लैकफेड घोटाले से जुड़े हैं वेयर हाउस के अजय गंगवार की नियुक्ति के तार, हुए बर्खास्त

लखनऊ: यूपी की सियासत में तब भूचाल आ गया था। जब कोऑपरेटिव सेल की एसआइबी के कार्यवाहक एसपी एपी गंगवार ने श्रम निर्माण एवं सहकारी संघ लिमिटेड (लैकफेड) घोटाले की जांच शुरू की। इसमें बसपा सरकार के कई मंत्री और अफसर आरोपी बने। ऐसे ही अफसरों में राज्य भंडारण निगम के एमडी ओमकार यादव भी शामिल थे। पर जब निगम में ही घोटाले के जांच अधिकारी एपी गंगवार के बेटे अजय गंगवार को डिप्टी मैनेजर के पद पर नियुक्त किया गया तो यह बात जोर पकड़ने लगी थी कि इनकी नियुक्ति के तार लैकफेड घोटाले से जुड़े हैं।

इसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई थी। बहरहाल योगी सरकार में विभाग के अंदरखाने इस प्रकरण ने फिर तूल पकड़ा तो जांच में अजय गंगवार के मार्कशीट फर्जी पाए गए हैं। उन्हें शुक्रवार को निगम की सेवा से बर्खास्त भी कर दिया गया।

सन 2012-13 में गेहूं भण्डारण की समस्या व अवैध वसूली की शिकायत पर तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने उन्नाव के राज्य भण्डारण गृह का आकस्मिक निरीक्षण किया था और गड़बड़ी मिलने पर निगम के एमडी ओमकार यादव को निलम्बित करने के आदेश जारी किए थे। पर अपने रसूख के दम पर सस्पेंशन के बाद ओमकार यादव पुन: एमडी के पद पर आसीन हुए। उसके बाद उन्होंने निगम में उप प्रबंधक, प्रावधिक सहायक, कार्यालय सहायक, चौकीदार/चपरासी के पदों पर भर्तियां की। इसके लिए जिस समिति का चुनाव किया उसके स्वयं अध्यक्ष भी बने।

जनवरी 2014 में एपी गंगवार के बेटे की निगम में डिप्टी मैनेजर के पद पर नियुक्ति भी हुई। इस भर्ती पर तमाम सवाल भी उठे। पर सत्ता में उनके रसूख के आगे उन शिकायतों की आवाज दब गई तो फरवरी 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में इन भर्तियों की सीबीआई जांच को लेकर एक याचिका दायर की गई। रिट में भर्ती के लिए छह नवम्बर 2013 को जारी विज्ञापन की वैधता को चुनौती दी गई थी। तब हाईकोर्ट ने लैकफेड घोटाले की जांच कर रहे कार्यवाहक एसपी एपी गंगावार के पुत्र अजय सिंह को नौकरी देने के प्रकरण में सभी कागजात तलब कर लिया ​था।

निगम के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक एपी गंगवार के बेटे अजय गंगवार की निगम में डिप्टी मैनेजर पद पर नियुक्ति की जांच बीते दो महीनों से चल रही थी। जांच में उनकी मार्कशीट फर्जी पाई गई। इसके बाद आनन—फानन में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। हालांकि उन्हें अब तक निगम की तरफ से टर्मिनेशन का पत्र रिसीव नहीं कराया जा सका है।

क्या है लैकफेड घोटाला

दरअसल राजधानी के हुसैनगंज कोतवाली में 21 फरवरी 2012 को सहकारिता विभाग के एक अफसर ने 12 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मुकदमा दर्ज कराया था। प्रकरण की जांच सहकारिता के एसआइबी सेल को दी गई। उस समय एपी गंगवार इसमें डिप्टी एसपी के पद पर तैनात थे। बाद में उन्हें ही कार्यवाहक एसपी बनाया गया था। जांच में लैकफेड को राजकीय निर्माण एजेंसी का दर्जा देने और सैकड़ों करोड़ के निर्माण कामों में हेराफेरी सामने आई।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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