शर्मनाक: पत्नी को पीठ पर लादकर इलाज के लिए भटकता रहा 62 साल का बुजुर्ग, घंटों नहीं मिला स्ट्रेचर

मामला है कानपुर का, जहां करीब 62 साल का एक बुजुर्ग अपनी बीमार पत्नी को पीठ पर लाद कर हैलट हॉस्पिटल के परिसर में भटकता रहा, लेकिन जिम्मेदार डाक्टरों ने उसे स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं कराया।

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Published on: 23 Feb 2017 6:15 AM GMT
शर्मनाक: पत्नी को पीठ पर लादकर इलाज के लिए भटकता रहा 62 साल का बुजुर्ग, घंटों नहीं मिला स्ट्रेचर
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कानपूर हॉस्पिटल

कानपुर: उसे खुद को चलने के लिए कंधों की जरूरत है, पर लाचारियां उसे अपने बीमार पत्नी को कन्धों पर उठाने के लिए मजबूर कर रही हैं। जिस हॉस्पिटल को वह मंदिर और डॉक्टरों को भगवान मानता है, उन्हीं लोगों ने उसकी तरफ मदद का हाथ बढ़ाना तो दूर, उसकी तरफ नजर उठाकर भी नहीं देखा।

मामला है कानपुर का, जहां करीब 62 साल का एक बुजुर्ग अपनी बीमार पत्नी को पीठ पर लाद कर हैलट हॉस्पिटल के परिसर में भटकता रहा, लेकिन जिम्मेदार डाक्टरों ने उसे स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं कराया। मरीजों की ऐसी हालत देखकर सरकारी सिस्टम पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ महीने पहले ही एक नाबालिग बच्चे को स्ट्रेचर नहीं मिला था। वह लाचार पिता कंधे पर लाद कर बच्चे को इधर-उधर भटकता रहा। आखिर में उस बच्चे ने पिता के कंधे पर ही दम तोड़ दिया था। जिसके बाद कई डाक्टरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई थी। इतनी बड़ी घटना के बाद भी हैलट हॉस्पिटल में इस तरह के नजारे अक्सर देखने को मिल जाते हैं।

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फतेहपुर जनपद के जुनिहा गांव में रहने वाले रामराज (62) पत्नी मालती का इलाज कराने के लिए हैलट हॉस्पिटल लेकर आए थे। इनकी पत्नी के पैर में हड्डी व फेफड़ों में पानी उतर आने की शिकायत है। वह चल नहीं सकती हैं। रामराज को हैलट में स्ट्रेचर ही नहीं मिला। तो 62 साल की उम्र में 55 साल की पत्नी को पीठ पर लाद कर इधर-उधर भटकते रहे। जहां यह बुजुर्ग हाफ्ते हुए थक जाता, तो पत्नी को बैठा देता। कुछ देर बाद फिर से हिम्मत बांधता और पत्नी को पीठ पर लाद कर चल देता। हैरानी की बता यह रही कि कि हैलट के कर्मचारी व डॉक्टर यह सब देखते रहे, लेकिन किसी ने उसकी हेल्प नहीं की।

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रामराज के मुताबिक पत्नी मालती गरीब आदमी की कौन मदद करता है ? स्ट्रेचर मांगा, लेकिन नहीं मिला। तो पीठ पर लाद कर उसका एक्स रे कराने के लिए चल दिया। उन्होंने बताया कि इतना बड़ा हॉस्पिटल है। हमें तो यह भी नहीं पता है, कौन सी जांच कहा होती है? बहुत देर पत्नी को पीठ पर लाद कर इधर-उधर भटक रहा हूं।

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28 अगस्त 2016 को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज संबद्ध हैलट हॉस्पिटल में इलाज के अभाव में फजलगंज निवासी सुनील के बेटे अंश ने पिता के कंधे पर ही दम तोड़ दिया था। 12 साल के नाबालिग की मौत की खबर राजधानी से लेकर दिल्ली पीएमओ कार्यालय तक जा पहुंची थी। पीएमओ ने अपना सख्त रवैया अपनाते हुए जांच के आदेश भी दिए थे। जिस प्रकरण में डीएम की जांच में पांच लोग दोषी पाए गए।

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