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Lakhimpur Kheri Hinsa Mamla: यूपी गेट पर आंसू बहाने वाले ​राकेश टिकैत ने खीरी में सरकार से क्यों किया समझौता, 10 दिन की मोहलत भी सवालों में

Lakhimpur Kheri Hinsa Mamla: राकेश टिकैत जब लखीमपुर खीरी में पहुंचे तो उन्होंने योगी सरकार के अधिकारियों से बातचीत कर न केवल समस्या का समाधान निकाला बल्कि योगी सरकार को मामले में कार्रवाई के लिए दस दिन की मोहलत भी दे डाली। जिस पर अब उनकी भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

Akhilesh Tiwari
Written By Akhilesh TiwariPublished By Shreya
Published on: 6 Oct 2021 2:06 PM IST
Lakhimpur Kheri Hinsa Mamla: यूपी गेट पर आंसू बहाने वाले ​राकेश टिकैत ने खीरी में सरकार से क्यों किया समझौता, 10 दिन की मोहलत भी सवालों में
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राकेश टिकैत (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Lakhimpur Kheri Hinsa Mamla: भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता व किसान नेता राकेश ​टिकैत (Rakesh Tikait) का 28 जनवरी 2021 को यूपी गेट पर रोने वाला वीडियो पूरे देश ने देखा। पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar Rally) की रैली में भी लोगों ने राकेश टिकैत को भाजपा व योगी सरकार (Yogi Government) को ललकारते हुए देखा। लेकिन वही राकेश टिकैत जब लखीमपुर खीरी में पहुंचे तो उन्होंने योगी सरकार के अधिकारियों से बातचीत कर न केवल समस्या का समाधान निकाला बल्कि योगी सरकार को मामले में कार्रवाई के लिए दस दिन की मोहलत भी दे डाली।

किसानों की मौत (Kisano Ki Maut) के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Post Mortem Report) पर सवाल उठने और वारदात के मुख्य आरोपित आशीष मिश्र (Ashish Mishra) की गिरफ्तारी नहीं होने से क्षेत्रीय किसान अब राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की भूमिका पर सवाल खड़े करने लगे हैं।

लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलकर मारने की वारदात के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को सोमवार की भोर में सीतापुर के हरगांव में गिरफ्तार किया गया और सोमवार की दोपहर में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को लखनऊ में हिरासत (Akhilesh Yadav Hirasat Mein) में लिया गया। लेकिन गाजियाबाद के यूपी बार्डर (UP Border) से चलकर राकेश टिकैत सोमवार की सुबह ही लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) पहुंच गए।

उन्होंने एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार (Prashant Kumar) और अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी (Devesh Chaturvedi) के साथ मीटिंग के बाद समझौते का एलान कर दिया। उनकी मौजूदगी में एडीजी लॉ एंड आर्डर ने कहा कि मृतक किसानों के आश्रितों को 45 लाख रूपये मुआवजा व नौकरी, घायलों को दस लाख रुपये दिए जाएंगे। मामले की न्यायिक जांच होगी। इसके बाद राकेश टिकैत ने भी मंच पर पहुंचकर बताया कि शवों का पोस्टमार्टम मृतकों के परिवारजनों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ कराया जाएगा।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर मचा बवाल

राकेश टिकैत की ओर से किए गए समझौते की पोस्टमार्टम शर्त को प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ घंटे में ही भुला दिया। मंगलवार को बहराइच के मृतक किसान गुरुविंदर सिंह के परिजनों ने अंतिम संस्कार से यह कहकर इनकार कर दिया कि उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है। पोस्टमार्टम करने के दौरान उनके परिवार के किसी सदस्य को कमरे के अंदर नहीं जाने दिया गया। इस पर हंगामा शुरू हुआ तो राकेश टिकैत को लेकर भी सवाल उठने लगे।

आखिरकार मंगलवार की शाम राकेश टिकैत ने सरकारी अधिकारियों से एक बार फिर बात की और दोबारा पोस्टमार्टम का फैसला किया गया। किसानों को कुचलकर मारने के आरोपित अजय मिश्र टेनी (Ajay Kumar Mishra) के पुत्र आशीष मिश्र मोनू (Ashish Mishra) की गिरफ्तरी नहीं होने पर भी उन्हें बोलना पड़ा। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को लकड़ी चोर बताया और कहा कि उसे जेल जाना पड़ेगा। इसके बावजूद राकेश टिकैत ने यूपी सरकार या उसके अधिकारियों पर कोई सवाल नहीं खड़ा किया।

उन्होंने एक बार भी इस पर नाराजगी नहीं जताई कि जब परिवारवालों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम का फैसला हुआ था तो ऐसा क्यों नहीं किया गया। पूरे मामले में अब तक राकेश टिकैत ने अजय मिश्र टेनी पर तो निशाना साधा है। लेकिन योगी सरकार के प्रति उनका रुख मुलायम बना हुआ है। सरकार को पूरे मामले में कार्रवाई के लिए दस दिन की मोहलत देने और बगैर किसी रोक-टोक टिकैत के लखीमपुर पहुंचने को लेकर किसान ही सवाल करने लगे हैं कि आखिर योगी सरकार पर टिकैत इतने नरम क्यों हो गए हैं।

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