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Lakhimpur Kheri: लखीमपुर खीरी के इस गांव में मौजूद हैं आधुनिक सुविधाएं, डेवलप्ड सोसाइटी को देता है टक्कर
लखीमपुर खीरी जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर गांव रेवाना है, जिसने अपनी नई पहचान बनाई है। ये गांव वेल डेवलप्ड सोसाइटी को टक्कर दे रहा है।
Lakhimpur Kheri: लखीमपुर खीरी में एक गांव ऐसा है जोकि वेल डेवलप्ड सोसाइटी (Well Developed Society) को भी टक्कर दे रहा है। ईको फ्रेंडली वातावरण (eco friendly environment) के साथ हर आधुनिक सारी सुविधाएं इस गांव में आपको मिल जाएगी। आपको बताते चलें यह गांव और पर आत्मनिर्भर है और पावर कार्पोरेशन (Power Corporation) की बिजली ना लेकर सौर ऊर्जा से 24 घंटे उजाला देने का काम कर रहा है।
जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर है ये गांव
चाहे आरो का पानी हो रेन वाटर हो हेयर कटिंग हो सिस्टम से लेकर सुरक्षा के लिहाज से हर पुणे सीसीटीवी से लैस है। लखीमपुर खीरी जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर गांव रवाना बसा है, जो कि विकासखंड मितौली (Block Mitouli) में पड़ता है। इस गांव को नई पहचान मिली है। गांव के प्रधान वीरेंद्र वर्मा (Village Pradhan Virendra Verma) और यहां तैनात रहे खंड विकास अधिकारी चंद्र देव पांडे (Block Development Officer Chandra Dev Pandey) के प्रयासों से आपको रूबरू कराते हैं।
गांव की विकास यात्रा ग्राम प्रधान वीरेंद्र कुमार बताते हैं कि करीब 22 साल तक वह गांव में ही उचित दर विक्रेता की दुकान चला रहे हैं। गांव की जनता ने वर्ष 2015 में उन्हें गांव के मुखिया के रूप में चुना और यहीं से मैंने गांव की सूरत बदलने की ढाणी इस काम को अपना मुकाम बना लिया।
पांचवी पास प्रधान दूसरे गांव के लिए बने रोल मॉडल
वीरेंद्र ने कक्षा 5 तक पढ़ाई की है लेकिन उनका कहना है कि जब कहीं वह गांव में विकास देखते हैं तो और उसी की संजय पर अपने गांव का विकास करने में लग जाते हैं। उनके इस प्रयास से उनका गांव आज रोल मॉडल बन गया है। आपको बताते चलें पूरे गांव में 16 सीसीटीवी कैमरे लाए हैं। गांव रवाना में 16 कैमरे लगे हुए हैं जिससे पूरे गांव की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। प्रधान ने बताया कि पुराने समय से गांव में चोरी चुनौती की घटनाएं आम की प्रधान बनते ही सबसे पहले पूरे गांव में कैमरे लगवा दिए, जिससे गांव की हर गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
टाटा कंपनी की तरफ से गांव में सोलर प्लांट लगवाया गया: प्रधान
50 लाख की लागत से गांव का कायाकल्प करने वाले प्रधान बताते हैं कि टाटा कंपनी की तरफ से गांव में सोलर प्लांट लगवाया गया, जिससे गांवों में 90 कनेक्शन दिए गए हैं। टाटा कंपनी 3 बब्ब का किराया 100 रुपया लेकर सौर ऊर्जा दे रही है। उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति बिना किसी बाधा के दी जा रही है। इतना ही नहीं किसी सोलर प्लांट से गांव में आटा चक्की स्पेलर अभी चलाया जा रहा हैय़
गांव में बने प्रधानमंत्री आवास
10 प्रधानमंत्री आवास को 24 घंटे बिजली आरो का पानी खेल का मैदान बच्चों के लिए झूला और उनके मनोरंजन के लिए प्रधान में एक एलईडी भी लगवा रखा है।
गांव को दी गई एक दर्जन सिलाई मशीन
ऊषा सिलाई कंपनी की तरफ से एक दर्जन सिलाई मशीन गांव को दी गई है और तुम सा कंपनी की तरफ से गांव की महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया गया प्रशिक्षण पाकर महिलाओं कढ़ाई सिलाई बुनाई आज अपने समूह के माध्यम से करती हैं। यह है गांव के प्रधान वीरेंद्र जिन्हें 2015 में प्रधानी की कमान मिली और वह गांव की सूरत बदलने में कामयाब है।
महिलाएं पेश कर रही आत्मनिर्भरता की मिसाल
गांव में महिलाएं समूह के माध्यम से दो ना बनाकर अपनी आजीविका चला रही हैं। कुछ महिलाएं मसाला चक्की लगाकर सरकारी स्कूलों में मसाला सप्लाई कर अपने परिवार की आजीविका का साधन बनी। मिनी सचिवालय को बनवाया कंट्रोल रूम गांव में मिनी सचिवालय में लगी टीवी स्क्रीन से गांव की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है इनवर्टर और कंप्यूटर सिस्टम से गांव के बेरोजगार युवाओं ऑनलाइन फॉर्म भरकर नौकरी का प्रयास करते हैं कोई शिकायत तो कोई ऑनलाइन दर्ज करा देते हैं
प्रधान स्वयं जनता दरबार लगाकर ग्रामीणों की शिकायत सुनते हैं उनका निस्तारण करते हैं पूरे गांव में 700 मीटर इंटरलॉकिंग लगाई गई है गांव की साक्षरता प्रतिशत की बात करें तो 92% प्रतिशत शासन स्तर से इस गांव को ग्रीन विलेज का दर्जा प्राप्त हुआ है गांव में अमृत सरोवर तालाब का प्रस्ताव हो चुका है जो शीघ्र ही बनेगा