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Lakhimpur Kheri: फौजी के परिवार पर पुलिसिया कहर, पिता को जेल में डाला, घर में घुसकर महिलाओं व बच्चों पर ढाया कहर

Lakhimpur Kheri News: फौजी सुखदेव सिंह पुत्र मुख्तार सिंह जो कि भारतीय सेना में कार्यरत हैं इन दिनों श्रीनगर में तैनात हैं। उनका पट्टे की जमीन को लेकर पड़ोसी कुलवंत सिंह से विवाद चल रहा था।

Himanshu Srivastava
Published on: 26 Dec 2022 4:28 PM IST
Lakhimpur Kheri
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Lakhimpur Kheri (photo: social media )

Lakhimpur Kheri News: लखीमपुर खीरी के गांव में रहने वाले फौजी के परिवार ने कोतवाली में तैनात दरोगा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित ने दरोगा के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पुलिस महानिदेशक व पुलिस अधीक्षक से शिकायत की है। परिजनों ने बताया कि घर की महिलाओं समेत पढ़ने वाले निर्दोष बच्चों को भी काफी मारा-पीटा गया है।

इलाके के रानीगंज निवासी फौजी सुखदेव सिंह पुत्र मुख्तार सिंह जो कि भारतीय सेना में कार्यरत हैं इन दिनों श्रीनगर में तैनात हैं। उनका पट्टे की जमीन को लेकर पड़ोसी कुलवंत सिंह से विवाद चल रहा था। इसी विवाद में पुलिस की कार्रवाई से फौजी सुखदेव सिंह का परिवार पुलिस की प्रताड़ना से काफी परेशान है। फौजी सुखदेव सिंह ने बताया कि पिछले माह पड़ोसी कुलवंत सिंह ने 25 साथियों के साथ मिलकर रजिस्टर्ड जमीन को लेकर मेरे पिता को बहुत डराया धमकाया। जान से मारने की धमकी दी।

फौजी ने बताया कि इस मामले की थाने में शिकायत की गई लेकिन उल्टे ही पुलिस ने मेरे पिता को लॉकअप में बंद कर दिया, वहीं विरोधियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इधर 11 नवंबर को मेरे पिता को पुलिस ने लॉकअप में बंद करके मेरे घर पहुंचकर परिवार के अन्य सदस्यों को भी अभद्र गालियां दीं और 14 को पुलिस ने पास के ही एक तरुण के घर की फोटो लगाकर स्टे करवा लिया।

8 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया दरोगा ने

वहीं मुकदमे में नामित रिश्तेदार व फॉरेन कंट्री जाने वाले छात्र रंजीत सिंह ने बताया कि वह विवादित स्थान पर मौजूद भी नहीं था। उसके बावजूद दरोगा राम गौरव ने मेरे खिलाफ 8 धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया। फौजी सुखदेव की मां जसविंदर कौर कहती हैं कि बेटा देश का रखवाला है। इसके बावजूद इतने संकट झेलने पढ़ रहे हैं। पुलिस डरा धमका कर नाजायज सता रही है।

पीड़ित ने यह भी बताया कि दारोगा राम गौरव ने झूठी कहानी बनाकर मेरे बच्चे समेत रिश्तेदारों को फर्जी मुकदमे में लिख दिया है। उधर पैसे लेकर दूसरी पार्टी को कब्जा दिलवाया है। जबकि जमीन अभिलेखों में दर्ज है। जिम्मेदार अधिकारियों से यही कहना है कि एक फौजी परिवार पर रहम करे। पढ़ने वाले बच्चों को नाजायज ना सताया जाए। फिलहाल फौजी समेत परिजनों ने मुख्यमंत्री डीजीपी एसपी आज उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई है।

वही इस बाबत प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमे में फाइनल चार्ज शीट लगाकर सीओ दफ्तर भेज दी गई है थाने से कोई वास्ता नहीं है। क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि अभी मैं बाहर हूं ऑफिस आऊंगा तो परिजनों से मुलाकात कर जांच करने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। अगर गलत हुआ है तो जांच कर जो सही होगा उसको न्याय जरूर मिलेगा।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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