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Lakhimpur Kheri Violence: आशीष मिश्र के लिए 2.34 से 3.31 का वक्त बना मुश्किल, नहीं दे पाए कोई प्रमाण
Lakhimpur Kheri Violence: आखिरकार केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र की गिरफ्तारी शनिवार देर रात हो गई। एसआईटी की टीम (SIT Team) के सामने पेश हुए आशीष मिश्र से करीब 12 घंटे की लंबी पूछताछ में वह सवालों का जवाब सही से नहीं दे पाए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
Lakhimpur Kheri Violence: तिकोनिया हिंसा मामले (Tikonia Hinsa Mamla) को लेकर विपक्ष के दबाव और किसानों के आंदोलन (Kisano Ka Andolan) की चेतावनी के बाद आखिरकार केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Kumar Mishra) के बेटे आशीष मिश्र उर्फ मोनू की गिरफ्तारी (Ashish Mishra Ki Giraftari) शनिवार देर रात हो गई। एसआईटी की टीम (SIT Team) के सामने पेश हुए आशीष मिश्र से करीब 12 घंटे की लंबी पूछताछ (Ashish Mishra Se Puchtach) में वह सवालों का जवाब सही से नहीं दे पाए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
लखीमपुर में क्राइम ब्रांच के दफ्तर में ही उनका मेडिकल कराया गया। रात में ही सीजेएम दीक्षा भारती की कोर्ट (CJM Diksha Bharati Court) में पेश किया गया। जिसके बाद कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में उन्हें जेल भेज दिया। अब पुलिस कस्टडी (Police Custody) मांगे जाने की अर्जी पर आज सुनवाई होगी। इन सबके बीच अब सवाल यह कि आखिर वह कौन से सवाल (Ashish Mishra Se Puche Gaye Sawal) थे, जिसका आशीष जवाब नहीं दे पाए?
आशीष मिश्रा नहीं बता पाए सही लोकेशन (Ashish Mishra Ki Location)
लखीमपुर के क्राइम ब्रांच दफ्तर में करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद यह सवाल अनसुलझा ही रह गया कि घटना के वक्त आशीष कहां पर थे। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने जांच में सहयोग न करने और सवालों का सही से जवाब ना देने को आधार मानते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में सबसे अहम सवाल यह रहा कि घटना के वक्त आशीष कहां थे? आशीष की ओर से कई वीडियो साक्ष्य दिए गए। लेकिन वह किसी में भी घटना के समय पर कहीं और होने का साक्ष्य नहीं दे पाये? आशीष अपने बचाव में तमाम दलीलें पेश करते रहे । लेकिन असल सवाल यही था कि घटना के वक्त वह कहां थे? जिसका जवाब उनके पास भी नहीं था।
दोपहर 2:34 से 3: 31 बजे के बीच की नहीं मिली लोकेशन
एसआईटी की टीम को घटना के दिन दोपहर 2:34 से 3:31 के बीच तक कोई लोकेशन नहीं मिला है। एएसआई की टीम ने आशीष से पूछा कि जब रोड डायवर्ट होने की सूचना थी तो उस रोड पर वहां क्यों गए ? पुलिस ने यह भी सवाल किया कि उस दिन मौके पर कई गाड़ियों में और कौन-कौन से लोग उनके साथ मौजूद थे ? मौके से मिस कारतूस के बारे में भी उनसे कई सवाल पूछा गया ? जिसका वह गोल-गोल तरीके से जवाब दे रहे थे।
जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप
डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने बताया है कि आशीष जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। सवालों का सही जवाब भी नहीं दे रहे थे। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बीते 3 अक्टूबर को हुए लखीमपुर हिंसा कांड में आशीष मिश्रा और उनके बीच सहयोगियों पर हत्या बलवा आदि की धाराओं में तिकुनिया थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
गिरफ्तारी के बाद समर्थकों का हंगामा
वहीं आशीष के साथ तमाम समर्थक भी क्राइम ब्रांच के दफ्तर पर जमे रहे। उनके पिता बीजेपी कार्यालय पर सुबह से ही देर रात तक बैठे रहे। आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी की आशंका पर पहले ही समर्थक हंगामा कर रहे थे। गिरफ्तारी की खबर आते ही वे आक्रोशित हो गए। इसके बाद सामने आए अजय मिश्र ने कहा,"देश में कानून का राज है। हमारी सरकार स्वच्छ निष्पक्ष कार्रवाई करती है। फिर भी अगर कोई ऐसी वैसी बात होती है तो हम आपके साथ हैं हमें कानून पर पूरा भरोसा है।"
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