Lakhimpur Kheri Violence: पुलिस को मिली आशीष मिश्र की रिमांड, तीन दिन रहेंगे हिरासत में

Lakhimpur Kheri Violence: किसानों पर तेज रफ्तार थार चढ़ाने के कथित आरोपी आशीष मिश्रा को पुलिस हिरासत में भेजने की इजाजत कोर्ट ने दे दी है।

Sandeep Mishra
Report Sandeep MishraPublished By Shreya
Published on: 11 Oct 2021 9:52 AM GMT (Updated on: 11 Oct 2021 12:23 PM GMT)
Ashish Mishra
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Lakhimpur Kheri Violence: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी में बीते दिनों हिंसा (Lakhimpur Kheri Hinsa) के मामले में गिरफ्तार किए गए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Kumar Mishra) के बेटे आशीष मिश्र उर्फ मोनू (Ashish Mishra) को तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। सीजेएम कोर्ट कुछ शर्तों के साथ अजय मिश्र की हिरासत के लिए इजाजत दे दी है। एसआईटी की टीम (SIT Team) ने कोर्ट में आशीष मिश्र की पुलिस रिमांड की मांग की थी। अब अब अगले तीन दिनों तक एसआईटी आशीष से और पूछताछ कर सकेगी।

अभी कई बिंदुओं पर पूछताछ बाकी

एसआईटी ने न्यायालय को बताया कि अभी बस 12 घंटे ही पूछताछ हो पाई है। सुनवाई के दौरान एसआईटी की तरफ से कहा गया कि जितने घंटे भी पूछताछ की गई थी वह पर्याप्त नहीं है, जिसमें आशीष ने कोई सही जवाब नहीं दिए। इसलिए उनको 14 दिन की पुलिस हिरासत चाहिए। वहीं आशीष के वकील ने कहा कि पुलिस पर आशीष से पूछने के लिए सिर्फ 40 ही सवाल थे। जिनको पूछ लिया गया था।

आशीष के वकील ने कहा कि 12 घंटे की सुनवाई में सिर्फ एक बार पानी दिया गया था। बिना ब्रेक के लगातार सवाल पूछे जाते रहे जिनके जवाब दिए गए। आशीष के वकील की तरफ से कहा गया कि अगर पुलिस को पूछताछ ही करनी है तो वह जेल में जाकर कर सकती है।

आशीष मिश्रा को ले जाती पुलिस (फोटो- न्यूजट्रैक)

वायरल वीडियो पर एसआईटी को करनी है पूछताछ

दरअसल, कल की पूछताछ में आशीष मिश्र ने एसआईटी को यही बार बार बताया था कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। लेकिन बनवीरपुर में गांव में मिली एक सीसीटीवी की वीडियो क्लिप ने उसके इस झूठ की हवा ही निकाल दी है। जिसमें आशीष मिश्र थार गाड़ी में बैठते हुए और जाते हुए की फुटेज दिख रही है।कल की पूछताछ के दौरान डीवीआर देखने के बाद पर्यवेक्षण समिति ने हकीकत से परदा हटाना शुरू कर दिया तो आशीष मिश्र जवाब नहीं दे पाया था।

कल की पूछताछ में आशीष को मिली निगेटिव मार्किंग

करीब 12 घंटे चली पूछताछ के बाद हिरासत में लेने और गिरफ्तारी कर जेल भेजने की तैयारियों के बीच आशीष मिश्र की निगेटिव मार्किंग ने जांच टीम को अच्छे संकेत दे दिए। नतीजतन, विवेचक विद्याराम दिवाकर ने रिमांड की अर्जी देते हुए अदालत से गुहार लगाई कि 12 घंटे तक चली पूछताछ के दौरान सवालों के टाल-मटोली करने, सवालों के जवाब देने के स्थान पर बार-बार मौन हो जाना व गलत और मिथ्या जानकारी देकर बचने का प्रयास करने के कारण पूछताछ पूरी नहीं हो पा रही है। जांच टीम के काम में सहयोग न करने आदि के चलते पूछताछ किया जाना जरूरी है, जिसके लिए 14 दिनों की पुलिस कस्टडी की मांग की।

थार गाड़ी में कौन थे यह आशीष से जानना बहुत जरूरी

जांच टीम ने दलील दी कि थार गाड़ी में और कौन-कौन सवार था। किसकी क्या भूमिका है। साजिश और षड्यंत्र आदि से जुड़ी बातें सामने आ सकें इसके लिए वृहद पूछताछ किया जाना जरूरी है।सीओ संजय नाथ तिवारी ने भी क्राइम ब्रांच के प्रभारी और विवेचक विद्याराम दिवाकर की अर्जी से संतुष्टि होने के बाद खुद अदालत से प्रार्थना करते हुए विवेचक की अर्जी अग्रसारित की कि अभियुक्त आशीष से पूरे कांड के कई पहलुओं को खुलने की उम्मीद है।

लेकिन वह पुलिस जांच में सहयोग नहीं दे रहा है। जवाब गोलमोल दे रहा है। सही बात नहीं बता रहा है, जिससे लंबी सघन पूछताछ और उनके निष्कर्ष की क्रॉस चेकिंग की जरूरत है। इसके लिए 14 दिनों की कस्टडी पुलिस को मिलनी चाहिए।

आपको बता दें कि आशीष मिश्र को करीब 12 घंटे की लंबी पूछताछ (Ashish Mishra Se Puchtach) में सवालों का सही जवाब नहीं दे पाने के बाद गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के बाद यह सवाल अनसुलझा ही रह गया कि घटना के वक्त आशीष कहां पर थे। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने जांच में सहयोग न करने और सवालों का सही से जवाब ना देने को आधार मानते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में सबसे अहम सवाल यह रहा कि घटना के वक्त आशीष कहां थे? उन पर जांच में सहयोग ना करने के भी आरोप लगे थे।

2:34 से 3:31 के बीच का नहीं मिला लोकेशन

आशीष ने कई वीडियो साक्ष्य दिए थे। लेकिन वह किसी में भी घटना के समय पर कहीं और होने का साक्ष्य नहीं दे पाये? आशीष अपने बचाव में तमाम दलीलें पेश करते रहे। लेकिन असल सवाल यही था कि घटना के वक्त वह कहां थे? जिसका जवाब उनके पास भी नहीं था। एसआईटी की टीम को घटना के दिन दोपहर 2:34 से 3:31 के बीच तक कोई लोकेशन नहीं मिला है।

(फोटो- न्यूजट्रैक)

क्या है लखीमपुर खीरी कांड?

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में विरोध कर रहे किसानों पर तेज रफ्तार थार चढ़ा दी गई थी, जिसके चलते करीब 9 किसानों की मौत हो गई थी, जबकि कई घटना में घायल हुए थे। आरोप है कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा ही उस गाड़ी को चला रहा था।

अजय मिश्र के इस्तीफे की मांग

वहीं दूसरी ओर आशीष मिश्र के इस कांड की वजह से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni Son Ashish Mishra) का पद भी खतरे में बन आया है। विपक्षी दल लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि मंत्री के इस्तीफे के बिना मृतक किसानों और उनके परिजनों को न्याय मिलना असंभव है।

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Shreya

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