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Lakhimpur Kheri: एक बच्चा बोरी में बंद तो दूसरा थोड़ी दूरी पर रोता मिला, गांव के ही बाप-बेटे ने की थी किडनैपिंग
Lakhimpur Kheri News: गांव से करीब तीन किमी दूर गन्ने के खेत से एक बच्चे की रोने की आवाज आई। जब वहां परिजन पहुंचे तो देखा की प्लास्टिक की बोरी से रोने की आवाज आ रही है। खोलकर देखा तो उससे अनिकेत निकला।
Lakhimpur Kheri News: यूपी के लखीमपुर खीरी के गांव एग्घरा के आंगनबाड़ी केंद्र से मंगलवार सुबह घर जा रहे दो बच्चों का गांव के ही बाप-बेटे ने अपहरण कर लिया। दोनों ने एक बच्चे को बोरी में बंद कर गन्ने के खेत में डाल दिया। तलाश में जुटे परिजनों को दूसरा बच्चा खेत में कुछ दूरी पर बैठा मिला। उसके बाद गन्ने के खेत में बोरी में बंद दूसरा बच्चा भी मिल गया। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। आरोपी बाप बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है।
लखीमपुर जिले से अमानवीयता की हद पार करने वाली वारदात सामने आई है। जिले के उचौलिया इलाके में दो बच्चों को बदमाशों ने गन्ने के खेत में छोड़ फरार हो गए। बच्चों के गायब होने की खबर से इलाके में हड़कंप मच गया। इसकी जानकारी जब पुलिस को मिली, तो बच्चों की तलाश शुरू हुई। बच्चों के सकुशल बरामद होने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
क्या है मामला?
जानकारी के मुताबिक, गांव एग्घरा निवासी इंद्रपाल ने बताया कि, 'मंगलवार सुबह उनका पुत्र अंकित (4 वर्ष) और अवनीश पुत्र अनिकेत (4 वर्ष) गांव के प्राथमिक विद्यालय परिसर में बने आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने गया था। वहां से करीब 10 बजे दोनों घर लौट रहे थे। काफी देर तक जब घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने बच्चों की तलाश शुरू की। जब कुछ भी पता नहीं चला तो आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे।
'बोरी में बंद कर दिया था'
खोजबीन में पता चला कि, गांव के ही रहने वाले राकेश और बड़क्के लेकर गए थे। परिजनों के पूछने पर बच्चों ने बताया कि, गांव निवासी राकेश और उसके पुत्र नरवीर उर्फ़ बड़क्के उन्हें बाइक पर बैठाकर यहां लाए थे। इसके बाद अनिकेत को बोरी में बंद कर दिया। मुझे भी बोरी में बंद कर रहे थे। तभी उन लोगों को लगा कोई आ रहा है। इसके बाद वो भाग खड़े हुए। मैं वहीं पर बैठ कर रोता रहा। हमें घर का रास्ता पता नहीं था। ग्रामीणों ने राकेश को गांव से पकड़कर पुलिस को सूचना दी।
आंगनबाड़ी केंद्र से बताया गया कि, बच्चे सुबह ही घरों को चले गए थे। इसके बाद परिजन और अन्य ग्रामीणों ने बच्चों की तलाश शुरू की। गांव में काफी देर तक तलाश करने पर भी बच्चे नहीं मिले तो खेतों में तलाश शुरू की गई।
3 किलोमीटर दूर मिले दोनों बच्चे
गांव से करीब तीन किमी दूर गन्ने के खेत से एक बच्चे की रोने की आवाज आई। जब वहां परिजन पहुंचे तो देखा की प्लास्टिक की बोरी से रोने की आवाज आ रही है। खोलकर देखा तो उससे अनिकेत निकला। कुछ दूरी पर अंकित भी खेत में बैठा मिल गया। परिजनों की जान में जान आई।