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Lakhimpur Flood: बाढ़ से तबाह हो गया लखीमपुर खीरी, गांव के गांव हो गए वीरान

Lakhimpur Flood: लखीमपुर खीरी जनपद का सिंधिया गांव एक तरीके वीरान नजर आ रहा है। पूरे गांव में कुछ बुजुर्ग बचे हैं, जो सिर्फ अपने घरों और जानवरों की देखभाल कर रहे हैं। अधिकतर घर खाली पड़े हुए हैं।

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Newstrack Network
Published on: 25 July 2024 12:55 PM IST
Lakhimpur Flood
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गांवों में घुसा बाढ़ का पानी (Pic: Social Media)

Lakhimpur Flood: लखीमपुर खीरी जनपद की शारदा नदी की बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है। पलिया तहसील का श्रीनगर और सिंधिया गांव जलमग्न हो गया। तकरीबन 250 घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। गांव वालों को सड़क किनारे पल्ली के नीचे रहना पड़ रहा है। बाढ़ पीड़ितों का बारिश और तेज धूप से बचने का एक ही मात्र सहारा रह गया है, वो तिरपाल है। तिरपाल के नीचे ही रहकर लोग जीवनयापन कर रहे हैं।

सिंधिया गांव हो गया वीरान

लखीमपुर खीरी जनपद के ब्लॉक बिजुआ और तहसील सदर की सीमा पर एक गांव है सिंघिया, यह गांव ग्राम पंचायत गुजारा का मजरा है। शारदा नदी के किनारे बसा हुआ है। 20 दिन पहले सिंघिया गांव में काफी चहल-पहल थी। सब ठीक-ठाक चल रहा था। अचानक शारदा नदी में आई बाढ़ से किसानों की सैकड़ों बीघा कृषि भूमि कटकर नदी में समा गई और धीरे-धीरे कटान करती हुई शारदा नदी गांव तक पहुंच गई। बाढ़ और नदी के कटान का दंश झेल रहे लोगों ने अपना घरेलू सामान निकाल कर दूसरी जगह सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया। कटान होने से आधे से ज्यादा गांव नदी में समा गया है। जिस गांव सैकड़ों लोग रहते थे वहां पर हाहाकार मचा हुआ है।

सिंधिया गांव एक तरीके वीरान नजर आ रहा है। पूरे गांव में कुछ बुजुर्ग बचे हैं, जो सिर्फ अपने घरों और जानवरों की देखभाल कर रहे हैं। अधिकतर घर खाली पड़े हुए हैं। गांव के बुजुर्ग अपनी कटी हुई कृषि भूमि को देख और कटे हुए मकानों को देखकर परेशान हो रहे हैं और अपने भाग्य को कोस रहे हैं। महिलाएं और बच्चे गांव छोड़कर दूसरी जगह चले गए हैं। कुछ लोग बाढ़ आने से पहले गांव छोड़कर चले गए थे। वहीं, कटान पीड़ितों को प्रशासन द्वारा बसाने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया। सब मजबूरी में अपनी इधर-उधर गुजर बसर करने के लिए निकल गए हैं।

पीड़ितों ने बताया क्यों आती है बाढ़

बाढ़ पीड़ित मुकेश नामक एक व्यक्ति ने बताया कि राशन कुछ लोगों को मिला और कुछ को नहीं मिला है। 15 दिन से ड्यूटी नहीं जा पाया। रात में पानी फिर बढ़ जाता है। शारदा नदी की सफाई हो जाए तो पलिया समेत कई गांव बाढ़ से बच जाएंगे। बाढ़ पीड़ित ने कहा कि, नदी किनारे बालू निकाली जाती है। इसलिए ऐसी स्थिति बन जाती है।



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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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