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Lakhimpur Kheri: कर्मचारियों की मांगों को लेकर 14 मार्च को धरना प्रदर्शन, जिले के कर्मचारी भी होंगे शामिल

Lakhimpur Kheri News: संयुक्त परिषद की महामंत्री अरूणा शुक्ला ने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं पर त्वरित कार्यवाही के लिए संयुक्त परिषद ने एक बार फिर जन जागरण का निर्णय लिया है।

Himanshu Srivastava
Published on: 12 Feb 2024 3:49 PM IST
Lakhimpur Kheri News
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Lakhimpur Kheri News (Pic:Newstrack)

Lakhimpur Kheri News: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश की केंद्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों, जनपद शाखाओं के प्रतिनिधियों एवं संयुक्त परिषद से संबद्ध संगठनों के अध्यक्ष/ महामंत्रियों की एक आवश्यक बैठक राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी की अध्यक्षता में परिषद के कार्यालय लखनऊ में संपन्न हुई। यह जानकारी संयुक्त परिषद के मंत्री सहदेव सचान ने सोमवार को दी। साथ ही उन्होंने कहा कि परिषद के इस आंदोलन में जिले के सभी विभागों में तैनात सरकारी, संविदा व आउटसोर्सिंग के कर्मचारी भाग लेंगे। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

उन्होंने कहा कि बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने अवगत कराया कि कर्मचारियों की कतिपय मांगे जिनमें एनपीएस के अंतर्गत केंद्र सरकार में किए गए संशोधनों को लागू कराया जाना, लैब टेक्नीशियन फाइलेरिया निरीक्षक, ईसीजी टेक्निशियन, खाद्य एवं रसद विभाग के आपूर्ति/ विपणन निरीक्षक, सहायक चकबंदी अधिकारी सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियां सम्मिलित हैं, पर निर्णय कराया जाना, 2016 तक नियमानुसार चयन समिति के माध्यम से चयनित किए गए संविदा कर्मियों को नियमित किया जाना, आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन निर्धारित किया जाना, विभिन्न सरकारी विभागों के कार्यों में कार्य कुशलता लाने के लिए सेवा निविृत्त कर्मचारियों की सेवा निवृत की अध्यक्षता में निगरानी समिति का गठन किया जाना, पदोन्नति के रिक्त पदों को भर जाना, विभिन्न विभागों में विभिन्न संवर्गों के खाली पदों को भरा जाना, आशा बहुओं को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाना, उनको न्यूनतम 18000 का वेतन दिया जाना, खाद्य रसद विभाग में कैडर रिव्यू कराया जाना, लिपिकीय संवर्ग का पदोन्नति कोटा बढ़ाया जाना, महिला बाल विकास विभाग में वन स्टॉप सेंटर के क्रियाशील करने से उत्पन्न हुई संविदा कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण कराया जाना, शिक्षणेत्र कर्मचारियों को सेवा निवृत्ति पर 300 दिनों का अवकाश नकदीकरण दिया जाना , नगरीय परिवहन सेवाओं में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की सेवाओं का संरक्षण किया जाना आदि समस्याओं पर विचार विमर्श कर समीक्षा की गई। अधिकतर समस्याओं पर मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव कार्मिक के स्तर पर बैठके हो चुकी हैं, फिर भी आदेश जारी नहीं हो रहे हैं।

संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने अवगत कराया कि संयुक्त परिषद ने तीन चरणों में आंदोलन करने का निर्णय लिया है, जिसमें पहले चरण में 4 मार्च को संयुक्त परिषद की जनता शाखाओं द्वारा जनपदों में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा। दूसरे चरण में 14 मार्च को लखनऊ में विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। तीसरे चरण में 15 मार्च से 45 दिन तक संयुक्त परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी जनपदों /मंडलों में भ्रमण कर प्रेस वार्ताएं करेंगे एवं कर्मचारियों को जागरूक करेंगे। उपस्थित पदाधिकारियों ने कर्मचारी कर्मचारियों की मांगों के प्रति विभागीय उदासीनता के प्रति चिंता व्यक्त किया। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि यद्यपि मुख्यमंत्री जी एवं मुख्य सचिव कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए लगातार आदेश कर रहे हैं लेकिन विभागीय स्तर पर कर्मचारियों की समस्याओं का संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। जिसके कारण कर्मचारियों में असंतोष है एवं आंदोलन की स्थिति बन रही है।

संयुक्त परिषद की महामंत्री अरूणा शुक्ला ने अवगत कराया की कर्मचारियों की समस्याओं पर त्वरित कार्यवाही के लिए संयुक्त परिषद ने एक बार फिर जन जागरण का निर्णय लिया है। संयुक्त परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने नारायण दुबे ने कहा कि इस बार चुनावी वर्ष है और कर्मचारियों की न्याय उचित मांगों पर निर्णय अवश्य हो जाना चाहिए। पुरानी पेंशन की बहाली का मुद्दा भी काफी दिनों से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है, जबकि इस पर लगातार संघर्ष हो रहा है। प्रदेश स्तर पर हुई कार्यकारिणी की बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के उपाध्यक्ष त्रिलोकी नाथ चौरसिया, ओमप्रकाश पांडे, कोषाध्यक्ष नितिन गोस्वामी, वीरेंद्र वीर यादव, सहदेव सचान, कुसुम लता यादव , निरुपमा सिंह सहित दर्जनों वरिष्ठ प्राधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए।

Durgesh Sharma

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