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Lakhimpur Violence Case: आरोपी आशीष मिश्रा के जमानत याचिका पर सुनवाई खत्म, कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
Lakhimpur Violence Case: लखीमपुर हिंसा मामले में SIT द्वारा चार्जशीट दायर करने के बाद मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा ने कोर्ट में अपनी जमानत याचिका दायर किया था। आज याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
Lakhimpur Violence Case: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में किसानों द्वारा किए जा रहे एक विरोध प्रदर्शन के दौरान अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के द्वारा कथित तौर पर कुछ किसानों को एक्सयूवी से कुचल दिया गया था। जिसमें 4 किसानों की मौत और कई लोग घायल हुए थे जिसके बाद इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित की गई एसआईटी कर रही थी।
लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur violence News) मामले के प्रमुख आरोपी आशीष मिश्र ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर किया था। जिस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होने वाली थी मामले में आज सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
बता दें 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुए इस हिंसा मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अपने जांच में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी पाया था। जिसके बाद एसआईटी ने 5000 से पन्नों की अपनी चार्जशीट दाखिल किया था। इस हिंसा में 4 किसानों सहित कुल 8 लोगों की मौत हुई थी।
फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट के मुताबिक 3 अक्टूबर को हुई इस हिंसा में जिस बंदूक से गोली चलाई गई थी। वह लाइसेंसी बंदूक आशीष मिश्रा (Ashish Mishra Case) उर्फ मोनू की ही थी इस मामले में आशीष मिश्रा के बंदूक से गोली चलाने वाला आरोपी अंकित दास भी पुलिस हिरासत में है उस दिन हिंसा के वक्त अंकित दास ने आशीष मिश्रा के लाइसेंसी बंदूक से कई राउंड फायरिंग किया था जिसका वीडियो भी सामने आया था।
इस मामले में एसआईटी ने यह भी माना कि इसके पहले मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच द्वारा जांच में कई कमियां रह गई थी। जिसके कारण सही नतीजा सामने आने में वक्त लगा। एसआईटी ने अपने दायर चार्टशीट में मामले में संलिप्त सभी आरोपियों पर हत्या का मामला दर्ज किया है। इस वक्त सभी आरोपियों पर धारा 307, 326, 302, 120 बी, धारा 34, 147, 148, 149 और धारा 147 के तहत एसआईटी ने मामला दर्ज किया है। इससे पहले जब क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही थी तब क्राइम ब्रांच ने केवल गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।