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लाल इमली मजदूरों ने भीख मांगकर 'मजदूर दिवस' को मनाया काला दिवस

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर कानपुर के मजदूर हासिए पर चले गए है। पूरे विश्व में मजदूर दिवस मनाया जा रहा है वहीं मैनचेस्टर ऑफ़ यूपी के नाम से फेमस कानपुर के मजदूर बदहाली के मंजर से गुजर रहे हैं । मजदूरों के बच्चों के स्कूल की फीस नहीं जमा हो पा रही है। दो वक्त की रोटी भी मजदूरों को नसीब नहीं हो पा रही है।

SK Gautam
Published on: 1 May 2019 6:52 PM IST
लाल इमली मजदूरों ने भीख मांगकर मजदूर दिवस को मनाया काला दिवस
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कानपुर: कई महीनों से वेतन नहीं मिलने से नाराज मजदूरों ने कटोरा लेकर भींख मांग कर विरोध प्रदर्शन किया और अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को लाल इमली मजदूरों ने काला दिवस के रूप में मनाया। लाल इमली मजदूरों ने कपडा मंत्री स्मृति ईरानी से पूछा कि यदि आप को 21 माह वेतन नहीं मिले तो कैसे परिवार का पालन पोषण करेंगी ? मजदूरों ने कहा कि हम तालिबानी और पाकिस्तानी नही है हम भी इसी देश के नागरिक हैं । हमारे साथ ऐसा व्यावहार क्यों हो रहा है। 5 वर्षों में 41 मजदूरों ने दम तोड़ दिया लेकिन सरकार ने हमारे लिए कुछ नही किया।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर कानपुर के मजदूर हासिए पर चले गए है। पूरे विश्व में मजदूर दिवस मनाया जा रहा है वहीं मैनचेस्टर ऑफ़ यूपी के नाम से फेमस कानपुर के मजदूर बदहाली के मंजर से गुजर रहे हैं । मजदूरों के बच्चों के स्कूल की फीस नहीं जमा हो पा रही है। दो वक्त की रोटी भी मजदूरों को नसीब नहीं हो पा रही है।

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मजदूर नेता आशीष पांडेय के मुताबिक ब्रिटिश इंडिया कॉर्पोरेशन कपड़ा मिल के आधीन लाल इमली कानपुर की ऊलन मिल है। लाल इमली के मजदूरों को कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने 21 माह से वेतन नहीं दिया है। आप अंदाजा लगाइए कि 21 महीने से वेतन नहीं मिलने पर मजदूरों की क्या स्थित होगी। परिवार के सदस्य बेटी, बेटा, माँ, बाप कितनी भयानक स्थिति में है। मजदूर तनाव की स्थिति से गुजर रहे है, कानपुर जिले से प्रदेश सरकार के बड़े मंत्री सतीश महाना है, सत्यदेव पचौरी है बल्कि यहीं से महामहिम राष्ट्रपति जी भी हैं ।

उन्होंने स्मृति ईरानी से प्रश्न पूछने के अंदाज में कहा कि आप के राज में मजदूर कटोरा लेकर भीख मांग रहे है। यहीं कपड़ा मंत्री पहले गैस का दाम बढ़ने पर सड़क पर बैठ जाती थीं। बेटी पढ़ाने की बात तो करते हैं लेकिन स्कूल में बेटियों की फीस नही जमा हो पा रही है।

काश ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्मृति ईरानी को भी अगर 21 माह का वेतन न मिले तो वे क्या करेंगे। कल्पना करिए कि मजदूरों के परिवारों का क्या हाल हो रहा है ।

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आगे उन्होंने बहुत ही कड़े शब्दों में अपनी नागरिकता को लेकर कहा कि कपड़ा मंत्री जी ये हिंदुस्तानी है तालिबानी और पाकिस्तानी नहीं है । यदि देश का मजदूर खड़ा हो गया तो आप को कुर्सी भी बचाना मुश्किल हो जाएगा।

हमारी सरकार से मांग है कि सरकार 21 माह का वेतन तत्काल दे। मजदूर आज भी 2006 से तीसरे वेतन मान से वेतन ले रहे हैं। 2006 से पांचवे वेतन मान से एरियर दे।

उन्होंने यह भी बताया कि हम लोग एक बार स्मृति ईरानी के पास गए थे तो उन्होंने कहा कि बहन के घर आए हो भाई आप लोग निराश नही जाओगे। दो साल हो गया अब तो इतने निराश हो गए है कि कटोरा हाथ में आ गया है।



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