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भू-माफिया ने गरीबो के घरों पर चलवाया बुल्डोजर, विरोध करने पर महिलाओं को पीटा और फाडे कपड़े
प्रभावशाली व्यक्ति की दबाव में जांच के नाम पर प्रधान घनश्याम कोल बैकफुट पर आ गया। लेकिन ग्रामीण पीछा नही छोड़ रहे। ग्रामीणों ने मिर्ज़ापुर कलेक्ट्रेट में शुक्रवार से धरना शुरू कर दिया है।
मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के तहसील क्षेत्र मडिहान के अमोई गांव में भू-माफियाओ ने गरीबो पर कहर आफत बन कर टूट पड़े और गरीबो के आवास पर बुल्डोजर चलवा दिया जिसका विरोध करने पर उनके साथ मारपीट भी की गयी और महिलाओं के साथ अभद्रता करते हुए उनके कपड़े भी फाड़कर निर्वस्त्र कर दिए।
इस घटना में एक दो वर्ष का बालक व तीन महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गयी।जिसकी सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी पर नही पहुची पुलिस तो रात में ही पुलिस अधीक्षक को सारे मामले से अवगत कराया गया तब जाकर 100 नंबर मौके पर पहुची लेकिन उसके वापस जाते ही भ-ूमाफिया और उसके गुर्गे दोबारा कहर बन कर टूट पड़े और गरीबो के घरों पर बुल्डोजर चलाकर मिट्टी से पाट दिया गया जिसमें गरीब बेघर हो गए आवासहीन हो गए।
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इस मामले में शुक्रवार की सुबह पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर पीड़ितों ने न्याय की गुहार लगायी गयी है। अमोई गॉव स्थित लालगंज-कलवारी मार्ग पर बसे गरीबो के घरों पर गुरुवार की रात्रि में भ-ूमाफिया एकराय होकर बुल्डोजर के साथ टूट पड़े और गरीबो के घरों को भी नही छोड़ा मिट्टी से मकानों को ढक दिया।इसका विरोध करने पर घरों में रहने वाली महिलाओं की पिटाई भी की जिसमे अनिता 40 वर्ष,मोना 38,मुन्नी42,व दो वर्षीय बालक गंभीर रूप से घायल हो गया।घायलों का निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया ।
पीड़ित पक्ष ने बताया मंगलवार को संपूर्ण समाधान दिवस में इस मामले को समाधान दिवस के दिन सीडीओ प्रियंका निरंजन के सामने महिलाओं ने रो-रो कर अपनी व्यथा को सुनाया था और अपनी सुरक्षा के लिए आगाह भी किया था।जिसमें पीड़ितों द्वारा यह भी बताया गया था कि दबंग कभी भी हमला बोल सकते हैं पिछले 25 वर्षों से बसे लोगों पर यह आफत आई है ग्रामीणों का आरोप है की जिस जमीन पर कब्जा कर रहे हैं।कुछ में ग्राम समाज व और बंजर जमीन भी शामिल है।
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अभिलेखों में फर्जी इंद्राज करा जालसाजों ने बेच दी सरकार की सम्पत्ति
सड़क किनारे बेशकीमती जमीन राजस्वकर्मियों की मिलीभगत से दो लोगों ने खतौनी में अपना नाम दर्ज करा लिया।उन्हें कब्जा नही मिला तो दबंगो के हाथ जमीन बेच दी।ग्रामीणों के बिरोध के बावजूद दबंग जमीन पर कब्जा कर रहे हैं।मामला अमोई गांव स्थित उत्तरप्रदेश सरकार की भूमि का है।
सूत्र बताते हैं कि पट्टा पत्रावली का हवाला देकर तहसील के अभिलेखों में फर्जी आदेश से रामसजीवन व फूलचन्द ने अपना नाम दर्ज करा लिया।कुछ दिन बाद रामसजीवन ने अमोई गांव निवासी कल्लू सिंह को जमीन बेच दिया।भूमिधरी व नापी के पहले तहसील न्यायालय ने जमीन खारिज कर दिया।वह जमीन पुनः उत्तरप्रदेश सरकार के नाम से जमीन अंकित हो गयी।
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उसी नम्बर में आधी जमीन का हिस्सेदार फूलचन्द ने अर्चना पटेल पत्नी श्रावण व खुशबू पत्नी राजन पटेल पुत्रगण रामनगीना सिंह को बेच दिया।जब कि उसी जमीन में लगभग आधा दर्जन गरीबों का घर पहले से बना है। ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्रामीण उस जमीन को फर्जी तरीके से हथियाने का बिरोध डेढ़ वर्ष से कर रहे हैं। तहसील व थाने पर दिए गए शिकायती पत्रों का गट्ठर इकट्ठा हो गया। किन्तु सुनवाई नही हुई। प्रभावशाली व्यक्ति की दबाव में जांच के नाम पर प्रधान घनश्याम कोल बैकफुट पर आ गया। लेकिन ग्रामीण पीछा नही छोड़ रहे। ग्रामीणों ने मिर्ज़ापुर कलेक्ट्रेट में शुक्रवार से धरना शुरू कर दिया है।