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घर के बुझे चिराग- गोरखपुर बीआरडी में 10 दिनों में 126 मासूमों की मौत  

बीआरडी मेडिकल कालेज में मासूमों की मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। मेडिकल कालेज में आक्‍सीजन की कमी के कारण हुई 36 मासूमों की मौत का मामला पूर

Anoop Ojha
Published on: 16 Sept 2017 5:38 PM IST
घर के बुझे चिराग- गोरखपुर बीआरडी में 10 दिनों में 126 मासूमों की मौत  
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BRD मेडिकल कॉलेज में फिर हुई 49 मौतें, प्रिंसिपल बोले- नहीं हैं डॉक्टर-नर्स

गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कालेज में मासूमों की मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। मेडिकल कालेज में आक्‍सीजन की कमी के कारण हुई 36 मासूमों की मौत का मामला पूरे देश में चर्चा का विषय रहा । मामले ने तूल पकड़ा, तो पूर्व प्राचार्य सहित कई डाक्‍टरों और कर्मचारियों को जेल की हवा खानी पड़ी। मासूमों की मौत ने एक बार में कई सवाल खड़े कर दिए। बीआरडी के प्राचार्य डा. पीके सिंह इसे सामान्‍य मौत ही बताते रहे। लेकिन इस सिलसिलेवार मौत को रोकने का प्रयास नाकाफी साबित हो रहा है। यहां बीते 24 घंटे में 14 मासूमों ने दम तोड़ दिया, जिसमें 11 नवजात हैं। इनमें 2 की मौत एईएस से हुई है। पिछले 10 दिन में 126 मासूमों की मौत के आंकड़े और भी हैरान कर देने वाले हैं। योगी सरकार की सख्‍ती ने आक्‍सीजन की कमी और कमीशन के खेल में हिस्‍सेदारी बांटने और लापरवाही करने वाले सभी 9 में से 8 आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

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इसके बावजूद मौतों का सिलसिला नहीं थमा। हर रोज हो रही मौतों ने बीआरडी प्रशासन ही नहीं सरकार की पेशानी पर भी बल डाल दिया। बीते 10 दिनों में मौत के आंकड़े कह रहें हैं। जो यह भी साबित करते हैं कि बीआरडी में कुछ भी ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। हालांकि इसमें जेई-एईएस से मरने वाले बच्‍चों की संख्‍या कम है। लेकिन, दम तोड़ रहे नवजातों की संख्‍या हैरान कर देने वाली है।5 सितंबर की रात 12 बजे से 6 सितंबर की रात 12 बजे तक कुल 13 मासूम असमय ही काल के गाल में समा गए। एनआईसीयू में 9 और पीआईसीयू में 4 मासूमों की मौत हुई। पीआईसीयू के सभी चार मासूम एईएस से पीडि़त थे। वहीं 6 सितंबर की रात 12 बजे से से 7 सितंबर की रात 12 बजे तक 12 बच्‍चों की मौत हो गई। इसमें एनआईसीयू में 10 और पीआईसीयू में 2 की मौत हुई। पीआईसीयू में दोनों ही एईएस से पीडि़त थे ।

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7 सितंबर की रात 12 बजे से 8 सितंबर की रात 12 बजे तक बीआरडी में 21 मासूमों ने दम तोड़ दिया। इसमें एनआईसीयू में 13 और पीआईसीयू में 8 की मौत हुई। पीआईसीयू में 8 में 3 की मौत एइएस से हुई। 8 सितंबर की रात 12 बजे से 9 सितंबर की रात 12 तक 9 की मौत हुई. इसमें एनआईसीयू में 5 और पीआईसीयू में 4 मौतें हुईं। 9 सितंबर की रात 12 बजे से 10 सितंबर की रात 12 बजे तक 15 बच्‍चों की मौत हुई। इसमें एनआईसीयू में 8 और पीआईसीयू में 7 की मौत हुई।

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10 सितंबर की रात 12 बजे से 11 सितंबर की रात 12 बजे तक 10 बच्‍चों की मौत हुई. इसमें एनआईसीयू में 7 और पीआईसीयू में 3 की मौत हुई. पीआईसीयू में मरने वाले 3 में 2 की मौत एईएस के कारण हुई. 11 सितंबर की रात 12 बजे से 12 सितंबर की रात 12 बजे तक 14 बच्‍चों की मौत हुई. इसमें एनआईसीयू में 9 और पीआईसीयू में 5 की मौत हुई. पीआईसीयू में 5 मौतों में 2 एईएस से पीडि़त थे।

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12 सितंबर की रात 12 बजे से 13 सितंबर की रात 12 बजे तक 18 बच्‍चों की मौत हो गई. इसमें 11 की एनआईसीयू और 7 की पीआईसीयू में मौत हुई। पीआईसीयू में मरने वालों में 4 इंसेफेलाइटिस से प‍ीडि़त थे। 13 सितंबर की रात 12 बजे से 14 सितंबर की रात 12 बजे तक कुल 14 मासूमों ने दम तोड़ा। इसमें एनआईसीयू में 11 और पीआईसीयू में 3 मौतें हुईं। पीआईसीयू में मरने वालों में 2 एईएस से पीडि़त थे।



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Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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