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मांगों के समर्थन में वकीलों ने नहीं किया अदालतों में न्यायिक कामकाज
बार काउंसिंल ऑफ़ इंडिया के आह्वान पर हाई कोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतेां के वकील मंगलवार को न्यायिक कार्यो से विरत भी रहे। साथ ही अपने लिये कल्याणकारी योजनाओं की मांगों के समर्थन में वकीलों ने गांधी प्रतिमा पर धरना दिया। इसके बाद अपनी मांगों के संदर्भ में राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा।
विधि संवाददाता
लखनऊ: बार काउंसिंल ऑफ़ इंडिया के आह्वान पर हाई कोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतेां के वकील मंगलवार को न्यायिक कार्यो से विरत भी रहे। साथ ही अपने लिये कल्याणकारी योजनाओं की मांगों के समर्थन में वकीलों ने गांधी प्रतिमा पर धरना दिया। इसके बाद अपनी मांगों के संदर्भ में राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा।
बार काउंसिंल आफ इंडिया की केंद्र सरकार से यह मांग है कि वकीलों के कल्याण के लिए वार्षिक बजट में पांच हजार करोड़ का फंड निर्मित किया जाए। ताकि जरुरतमंद व नए वकीलों की आर्थिक मदद की जा सके। वकीलों की असमय मृत्यु व बीमारी में भी उनकी आर्थिक मदद की जा सके।
इस फंड से सभी वकीलों के लिए न्यायालय परिसर में या उसके नजदीक बैठने की व्यवस्था हो सके। अधिवक्ता संघो के भवन, पुस्तकालय व मुफ्त इंटरनेट आदि की भी व्यवस्था हो सके। बार काउंसिंल आॅफ इंडिया ने अपनी इस 10 सूत्री मांगो के लिए देश भर के वकीलों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने और रैली भी निकालने की अपील की थी।
बार काउंसिंल के इस आह्वान पर वकील पुराने हाईकोर्ट चैराहे पर एकत्रित हुए। यहां से नारेबाजी करते हुए जुलुस की शक्ल में हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पहुंचे। वकीलों ने गांधी प्रतिमा पर धरना देते हुए सरकार से अपनी 10 सूत्री मांगों के लिए तत्काल फंड मुहैया कराने की मांग की। इस धरना-प्रदर्शन में सीबीए के अध्यक्ष आदेश कुमार सिंह, महामंत्री संजीव पांडेय, संयुक्त मंत्री अनिल कुमार मिश्रा, एलबीए के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह सिकरवार, महामंत्री सुरेश पांडेय, उपाध्यक्ष कुलदीप वर्मा तथा बार काउंसिल आफ उप्र के नवनिर्वाचित सदस्य प्रदीप सिंह समेत लगभग सभी बार एसोसिएशनों के अन्य पदाधिकारीगण व हजारों की संख्या में वकील मौजूद रहे।
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