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वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में मेरठ के वकीलों की 24 Oct. तक हड़ताल

मेरठ बार असोसिएशन की बैठक में 24 अक्टूबर तक मेरठ के सभी वकीलों द्वारा काम का बहिष्कार किए जाने का निर्णय लिया गया।

tiwarishalini
Published on: 16 Oct 2017 8:15 PM GMT
वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में मेरठ के वकीलों की 24 Oct. तक हड़ताल
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वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में मेरठ के वकीलों की 24 Oct. तक हड़ताल

मेरठ : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी का विरोध कर रहे वकीलों में लाठीचार्ज के बाद से जबरदस्त उबाल है। सोमवार को इसी मामले को लेकर मेरठ बार असोसिएशन की बैठक में 24 अक्टूबर तक मेरठ के सभी वकीलों द्वारा काम का बहिष्कार किए जाने का निर्णय लिया गया। दूसरी तरफ एसएसपी मेरठ मंजिल सैनी ने वकीलों पर पुलिस कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि पुलिस का कार्य सराहनीय है, जो हुआ वह सही नहीं था।

मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री प्रमोद शर्मा ने बताया कि बैठक में शांतिपूर्ण विरोध प्रकट कर रहे वकीलों पर एसएसपी के इशारे पर हुए लाठीचार्ज की घोर निंदा की गई। इस मामले में न्यायिक जांच और एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। महामंत्री प्रबोध कुमार शर्मा ने बताया कि मेरठ बार एसोसिएशन ने पूरे प्रकरण की जानकारी बार काउंसिल ऑफ यूपी तक भी पहुंचाई है। वकीलों ने पुलिस अफसरों पर एफआईआर कर निलंबन की मांग की है।

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महामंत्री ने बताया कि बैठक में तय हुआ कि 24 अक्टूबर तक मेरठ के सभी वकील काम का बहिष्कार करेंगे। इस दौरान वकील एकजुट होकर धरना-प्रदर्शन करेंगे और शासन समेत प्रशासन को अपनी मांग के समर्थन में ज्ञापन देंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में यूपी बार काउंसिल को 24 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में अधिवक्ताओं की 1 दिवसीय हड़ताल के लिए प्रस्ताव भेजने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि उनकी मांग के समर्थन में सोमवार को आगरा के वकीलों ने भी कार्य का बहिष्कार किया है। इस पर 10 राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने मेरठ बार असोसिएशन को पत्र देकर समर्थन व्यक्त किया है। महामंत्री ने कहा कि दिल्ली बार असोसिएशन कमिटी ने भी उन्हें अपना समर्थन देते हुए कहा कि मेरठ बार असोसिएशन प्रस्ताव भेजती है तो दिल्ली के वकील भी उनके समर्थन में एक दिन की हड़ताल रखेंगे।

महामंत्री ने बताया कि लाठीचार्ज में 7 वकीलों को चोटें आई थीं, उनकी मेडिकल रिपोर्ट आ गई है। बैठक में क्रिमिनल के वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज शर्मा को अधिकृत किया गया है कि वह इन 7 वकीलों की ओर से एसएसपी के खिलाफ जो भी उचित कानूनी कार्रवाई बनती है, वह इसके लिए पैरवी करेंगे। इसके लिए वह स्वेच्छा से किसी अन्य वकील की सहायता भी ले सकते हैं।

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इससे पहले रविवार को नानकचंद सभागार में हुई केंद्रीय संघर्ष समिति की आपात बैठक में वकीलों ने कहा कि जेलचुंगी चौराहे पर अधिवक्ताओं पर पुलिस ने लाठियां भांजी और वकीलों को पीटा। बुजुर्ग और महिला अधिवक्ताओं को भी नहीं बख्शा गया। पूर्व बार अध्यक्ष एमपी शर्मा, विनोद राणा और सचिन मोहन को पुलिस जीप में बैठाने की निंदा की गई। केंद्रीय संघर्ष समिति द्वारा पुलिस अफसरों पर एफआईआर कर निलंबन के साथ ही पूरे घटनाक्रम की सीबीआई से जांच कराने की भी मांग की गई है।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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