×

नेता प्रतिपक्ष ने लाॅकडाउन का किया विरोध, CM योगी से की ये बड़ी मांग

नेता प्रतिपक्ष श्री चौधरी ने दावा किया है कि अचानक और अनियोजित लाकबन्दी की घोषणा के पूर्व मोदी सरकार ने योगी सरकार से कोई राय मशविरा नही की है।

Aradhya Tripathi
Published on: 30 May 2020 3:04 PM GMT
नेता प्रतिपक्ष ने लाॅकडाउन का किया विरोध, CM योगी से की ये बड़ी मांग
X

बलिया: सपा के वरिष्ठ नेता व विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामगोविन्द चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया है कि वह मैगलगंज में लॉकडाउन को लेकर हुई खुदकुशी के मामले को गम्भीरता से लें और इस लाकडाउन की वजह से सूबे पर मंडरा रहे भूख के भयंकर तूफान की सूचना समझें। उन्होंने इसके मुकाबले के लिए जमीनी रणनीति तैयार करने पर जोर दिया है जो कि अफसरों के कागजी आंकड़ों की जगह प्रदेश के सभी विधायकों और विधानपरिषद सदस्यों की राय पर आधारित हो। उन्होंने कहा है कि इस राय के लिए दोनों सदनों का तत्काल विशेष सत्र तत्काल आहूत होना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने बताई मृतक भानू की कहानी

शनिवार को जारी आनलाइन प्रेसनोट में नेता प्रतिपक्ष श्री चौधरी ने कहा कि मैगलगंज, लखीम पुरखीरी निवासी श्री भानु प्रसाद गुप्ता शाहजहाँपुर के एक होटल में काम करता था। इसी कमाई से वह अपनी बीमार माँ का और अपना इलाज करा रहा था। इसी कमाई से तीन बेटी व एक बेटे सहित परिवार का भरण पोषण भी कर रहा था। लाकडाउन की वजह से उसका होटल बन्द हो गया। वह मजबूर होकर घर आ गया और उसकी यह कमाई भी लाकडाउन की वजह से बन्द हो गई। उन्होंने कहा है कि भानु ने स्थानीय स्तर पर काम की तलाश की, जो उसे नहीं मिला। इस कारण से पहले से ही कमजोर उसकी आर्थिक स्थिति और कमजोर हो गई।

ये भी पढ़ें- स्वास्थ्य मंत्री ने जिला चिकित्सालय का किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

इससे उबरने के लिए उसने प्रशासन से मदद हासिल करने की कोशिश की लेकिन उसे सफलता नहीं मिली और उसने 29 मई को ट्रेन की पटरी पर सोकर खुदकुशी कर ली। उन्होंने जानकारी दी है कि भानु की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उपरोक्त तथ्यों का जिक्र करते हुए भानु ने लिखा है कि राशन की दुकान से उसको गेहूँ चावल तो मिल जाता था लेकिन ये सब नाकाफी था। चीनी, चायपत्ती, दाल, सब्जी, मसाले जैसी रोजमर्रा की चींजे अब परचून वाला भी उधार नहीं दे रहा था। मैं और मेरी विधवा माँ लम्बे समय से बीमार हैं। गरीबी के चलते तड़प तड़प के जी रहे हैं। शासन व प्रशासन से भी कोई सहयोग नहीं मिला। गरीबी का आलम ये है कि मेरे मरने के बाद मेरे अंतिम संस्कार भर का भी पैसा मेरे परिवार के पास नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष ने लॉकडाउन पर उठाया सवाल

नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि यदि वह भानु प्रसाद गुप्ता की इस खुदकुशी को अफसरों के चश्में से देखेंगे तो यह केवल एक आदमी की खुदकुशी है तथा इससे केवल एक परिवार प्रभावित है। उन्होंने इसके साथ ही कहा है कि एक जनप्रतिनिधि की नज़र से देखने पर भानु प्रसाद गुप्ता की मौत उत्तर प्रदेश पर मंडरा रहे भूख के भयंकर तूफान की हृदय विदारक सूचना है। उन्होंने कहा है कि यदि इसे रोका नहीं गया तो गांव गांव में इस तरह की दुःखद घटनाएं होंगी। नेता प्रतिपक्ष श्री चौधरी ने दावा किया है कि अचानक और अनियोजित लाकबन्दी की घोषणा के पूर्व मोदी सरकार ने योगी सरकार से कोई राय मशविरा नही की है।

ये भी पढ़ें- उत्तराखंड में फंसा इंग्लैंड का ये शख्स, ऐसे बिता रहा जीवन, कर रहा ये काम

उन्होंने कहा कि इस घोषणा से उत्तर प्रदेश बुरी तरह प्रभावित है तथा सूबे की एक बड़ी आबादी भुखमरी की चपेट में है। उन्होंने कहा कि इस विकट स्थिति से न तो सरकार पल्ला झाड़ सकती है और न ही विधायक। ऐसी स्थिति में सदन का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाना आवश्यक है। नेता प्रतिपक्ष ने मृत भानु प्रसाद गुप्ता के परिवार को कम से कम दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता तत्काल प्रदान करने की मांग की है ताकि परिवार के शेष लोगों को आगे का जीवन जीने का सहारा मिल सके।

रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

Next Story