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मुरादाबाद में तेंदुए का आतंक- बुजुर्ग किसान पर बोला हमला, क्षेत्रवासियों में दहशत

आदमखोर तेंदुए ने बालापुर गांव की एक पशुशाला में सो रहे बुजुर्ग किसान पर हमला बोल दिया। इस हमले में किसान गंभीर रूप से घायल हो गया। किसान के सिर्फ चेहरे हाथ और टांग में गंभीर चोट आई है। घायल किसान को पहले ठाकुरद्वारा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उसे उपचार के लिए मुरादाबाद रेफर कर दिया गया। बीती रात हुई इस घटना से क्षेत्रवासियों में दहशत फैल गई है।

Anoop Ojha
Published on: 6 Feb 2019 8:06 AM GMT
मुरादाबाद में तेंदुए का आतंक- बुजुर्ग किसान पर बोला हमला, क्षेत्रवासियों में दहशत
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मुरादाबाद: आदमखोर तेंदुए ने बालापुर गांव की एक पशुशाला में सो रहे बुजुर्ग किसान पर हमला बोल दिया। इस हमले में किसान गंभीर रूप से घायल हो गया। किसान के सिर्फ चेहरे हाथ और टांग में गंभीर चोट आई है। घायल किसान को पहले ठाकुरद्वारा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उसे उपचार के लिए मुरादाबाद रेफर कर दिया गया। बीती रात हुई इस घटना से क्षेत्रवासियों में दहशत फैल गई है।

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ठाकुरद्वारा कोतवाली के गांव बालापुर निवासी होरी सिंह रविवार को अपने घर से करीब 60 मीटर की दूरी पर पशुशाला में सो रहा था। पशुशाला में दरवाजा नहीं था तभी रात करीब 10 बजे तेंदुआ पशुशाला के अंदर घुस गया। तेंदुए ने चारपाई पर सो रहे होरी सिंह पर हमला बोल दिया। आदमखोर तेंदुए ने होरी सिंह की गर्दन पर पंजा मारने का प्रयास किया तो किसान ने अपना बचाव करते हुए तेंदुए को धकेल दिया।

फिर तेंदुए ने अपना मुंह होरी सिंह के सिर पर मारा उसी समय होरी सिंह ने तेंदुए से बचने के लिए उसके मुंह में टोर्च घुसा दी।तेंदुए ने भी होरी सिंह के शरीर पर कई वार किए।आदमखोर तेंदुए के हमले से किसी तरह बच कर होरी सिंह घर पहुंचकर परिवार के लोगों को तेंदुआ के आने की जानकारी दी। जिस पर परिवार के लोग और ग्रामीण लाठी-डंडे और हथियार लेकर पर पशुशाला आ गए।उन्हें देखकर तेंदुआ वहां से भाग गया।

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मौके पर पहुंची पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर तेंदुए की तलाश में रात भर जंगल में कांबिंग की लेकिन तेंदुए का कोई पता नहीं चला। बाद में घायल किसान होरी सिंह को पुलिस ने ठाकुरद्वारा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनका इलाज किया गया। हालत गंभीर होने के कारण घायल किसान को मुरादाबाद रेफर कर दिया गया। बता दें कि आदमखोर तेंदुए ने कई लोगों को मौत के घाट उतार चुका है लेकिन वन विभाग कोई प्रभावशाली कार्रवाई नहीं कर रहा है उल्टे वन विभाग के अधिकारी गांव में तेंदुए होने के तर्क को कई बार झुक ला चुके हैं।

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वहीं वन विभाग के रेंजर का कहना है कि जानवर तो जानवर ही होता है क्योंकि इस बेल्ट में गन्ने की फसल बहुत ज्यादा है तो तेंदुआ गन्ने के खेतों में ही छुपा रहता है साथ ही रेंजर ने संसाधनों का हवाला देते हुए बताया कि हमारे पास तेंदुआ पकड़ने का कोई संसाधन नहीं है और शासन से भी आदेश है कि तेंदुआ पकड़ने के लिए किसी भी तरीके से पिजड़ा ना लगाया जाए। अधिकारियों के इस प्रकार के जवाब के बाद आप खुद ही सोच सकते हैं कि प्रशासन की नजर में इंसानी जान की कितनी कीमत है।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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