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तेंदुए के डर से दहशत में हैं 50 गावों के लोग, तीन रात से नहीं हैं सोए

Newstrack
Published on: 2 Feb 2016 11:30 AM GMT
तेंदुए के डर से दहशत में हैं 50 गावों के लोग, तीन रात से नहीं हैं सोए
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रामपुर: जिले में पिछले तीन दिनों से तेंदुए ने आतंक मचा रखा है। पहाड़ी जंगलों से भटक कर आए तेंदुए की झलक कैमरे में भी कैद हो गई। वहीं इस तेंदुए की दहशत के चलते करीब पचास गांव के लोग रात भर घरों में कैद रहे। इस तेंदुए ने 30 जनवरी की देर शाम पांच लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था।

थाना भोट का मामला

जिला रामपुर का सीमावर्ती क्षेत्र पहाड़ी जंगलों से घिरा है। इससे अक्सर यहां जंगली जानवर आ जाते हैं। इनमें पीपली वन, डंडिया वन के घने जंगल हैं। रामपुर शहर से करीब दस किलोमीटर की दूरी पर थाना भोट है। आजकल थाना क्षेत्र के करीब पचास गांव खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं। वजह है तेंदुआ। तेंदुए ने अब तक करीब पांच लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया है।

अचानक हमले से सभी सकते में

दरअसल 30 जनवरी की देर शाम गांव धनुपुरा के ग्रामीण निहालुद्दीन ने नहर किनारे जंगली जानवर होने की सूचना गांववालों को दी। कुछ लोग इकट्ठे होकर नहर किनारे पहुंचे। साथ में दो पुलिसकर्मियों को भी ले लिया। तलाशी के दौरान अचानक पीछे से जंगली जानवर ने हमला कर पांच लोगों को घायल कर दिया। तेंदुए के हमले में जुम्मा निवासी मिलक बादुल्ला व निहालुद्दीन निवासी धनुपुरा और साहिब निवासी मिलक मिर्जा फैय्याज गंभीर रूप से घायल हो गए।

सभी की जुबां पर तेंदुए की कहानी

तलाशी के दौरान एक पुलिसकर्मी ने तेंदुए पर फायर किया। जंगली जानवर (तेंदुआ ) हमले के बाद वहां से भाग निकला। इससे क्षेत्र के करीब पचास गांवों में दहशत का माहौल है। सभी की जुबान पर तेंदुआ होने की कहानी है।

50 गावों के लोग दहशत में

क्षेत्र में तेंदुए होने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। क्षेत्र के करीब पचास गांव के लोग दहशत के कारण शाम से ही अपने घरों में कैद हो जाते हैं। वे रातें जागकर गुजार रहे हैं। पुलिस दल-बल के साथ गांवों में कैंप किए हैं और सर्च आॅपरेशन जारी है।

पदचिन्हों की तलाश में वन विभाग

वन विभाग पदचिन्हों और ग्रामीणों के बताए आधार पर इसे तेंदुआ करार दे रहा है। वन विभाग ने तेंदुए को ट्रैप करने के लिए पिंजरा और बकरे का भी इंतजाम किया लेकिन यह कोशिश भी नाकाम रही।

आहट और रोशनी बनी परेशानी

सर्च आॅपरेशन में जुटे लोगों ने बताया कि इंसानी आहट और रोशनी की वजह से जानवर फौरन पलटकर जंगल में लौट जाता है। मस्जिदों और मंदिरों से ग्रामीणों को होशियार रहने की सलाह दी जा रही है।

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