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Purvanchal Expressway: पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर कम ट्रैफिक, अधूरे निर्माणों के चलते खड़ी हुई समस्या, टोल एजेंसी ने छोड़ा काम

Purvanchal Expressway: पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के पूर्ण रूप से चालू होने के बाद टोल टैक्स से होने वाली वसूली का प्रतिदिन का लक्ष्य 65 लाख रूपए प्रतिदिन रखा गया था।

Rajat Verma
Written By Rajat Verma
Published on: 20 Jun 2022 6:46 AM GMT
Purvanchal Expressway
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पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (photo: social media ) 

Purvanchal Expressway: उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Expressway) पर कम ट्रैफिक आने के चलते टोल एकत्र करने वाली एजेंसी प्रकाश एस्फाल्टिंग्स एंड टोल हाईवे (इंडिया) ने अपना काम छोड़ने का निर्णय लिया है। आपको बता दें कि 342 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Expressway) पर बीते 1 मई से टोल प्लाजा पर निकलने वाले वाहनों से टोल एकत्र करने का काम किया जा रहा है। ऐसे में अनुमानित टोल राशि के लक्ष्य की प्राप्ति ना होने के चलते उस कंपनी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का टोल एकत्र करने का काम छोड़ (toll agency left work) दिया है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के पूर्ण रूप से चालू होने के बाद टोल टैक्स (toll tax) से होने वाली वसूली का प्रतिदिन का लक्ष्य 65 लाख रूपए प्रतिदिन रखा गया था, लेकिन प्राप्त सूचना के आधार ओर टोल एजेंसी इस निर्धारित लक्ष्य की आधी राशि भी प्राप्त नहीं कर सकी है। इसी के चलते अब पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर टोल वसूलने वाली कंपनी प्रकाश एस्फाल्टिंग्स एंड टोल हाईवे (इंडिया) ने उत्तर प्रदेश सरकार को उनके साथ किया गया अनुबंध समाप्त करने की गुजारिश की है।

अनुबंध करने को लेकर सरकार को चिट्ठी लिखने के बाद अब जबतक टोल वसूलने के काम किसी नई कंपनी को नहीं सौंपा जाता तबतक प्रकाश एस्फाल्टिंग्स एंड टोल हाईवे (इंडिया) ही यह काम करेगी।

आपको बता दें कि बीते मई महीने में शुरुआती 26 दिनों के दौरान 17 करोड़ रुपए टोल टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा गया था लेकिन 26 दिनों के बाद जमा कुल टोल टैक्स की रकम साढ़े 7 करोड़ रही।

वर्तमान में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर निर्धारित टोल टैक्स राशि

हल्के मोटर वाहन: ₹675

कमर्शियल मोटर वाहन: ₹1065

भारी वाहन: ₹2145

इन कारणों से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर आ रहा कम ट्रैफिक

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अनुमानित संख्या से कम आ रहे ट्रैफिक और गाड़ियों के कई कारण हैं, जिसमें लखनऊ रिंग रोड का अधूरा निर्माण, बिहार के बक्सर में गंगा नदी पर अधूरा पुल निर्माण तथा भारी वाहनों का अधिक टोल शामिल है। फिलहाल, टोल निर्धारण पर बोर्ड की बैठक होने के साथ ही अधूरे निर्माण कार्य को ज़ल्द पूरा करने पर काम किया जा रहा है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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